
गुरुग्राम लैंड डील केस में नया समन
प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate – ED) ने गुरुग्राम लैंड डील केस में रॉबर्ट वाड्रा को एक और समन जारी किया है। यह समन PMLA (Prevention of Money Laundering Act) के तहत भेजा गया है। इससे पहले 8 अप्रैल 2024 को भी ED ने वाड्रा को समन भेजा था, लेकिन वे उस दिन पेश नहीं हुए थे।
पैदल पहुंचे ईडी दफ्तर, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किया स्वागत
मंगलवार को रॉबर्ट वाड्रा पैदल चलकर ईडी कार्यालय पहुंचे। उनके पहुंचते ही बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता ईडी दफ्तर के बाहर जुट गए और सरकार विरोधी नारेबाजी करने लगे। वाड्रा ने इस मौके पर अपने समर्थकों का अभिवादन भी किया और हाथ जोड़कर आभार प्रकट किया।
वाड्रा बोले: “यह राजनीतिक प्रतिशोध है”
रॉबर्ट वाड्रा ने मीडिया से बातचीत करते हुए इस मामले को राजनीतिक प्रतिशोध बताया। उन्होंने कहा:
“सरकार केंद्रीय जांच एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर रही है। इस केस में कुछ भी ठोस नहीं है। पिछले 20 वर्षों में मुझे 15 बार पूछताछ के लिए बुलाया गया है, और हर बार 10 घंटे से ज्यादा बैठाया गया है। मैंने अब तक 23,000 से अधिक दस्तावेज जमा किए हैं।”
स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी की डील पर फोकस
ED इस पूरे मामले में रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी Sky Light Hospitality Pvt. Ltd. की एक विवादित ज़मीन डील की जांच कर रही है। जानकारी के अनुसार:
- फरवरी 2008 में वाड्रा की कंपनी ने ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से 3.5 एकड़ जमीन 7.5 करोड़ रुपए में खरीदी थी।
- कुछ समय बाद यह जमीन DLF जैसी रियल एस्टेट दिग्गज को 58 करोड़ रुपए में बेच दी गई।
इस जमीन सौदे से हुए अप्रत्याशित लाभ को लेकर ED को संदेह है कि यह मनी लॉन्ड्रिंग स्कीम का हिस्सा हो सकता है।
ED क्यों कर रही है जांच?
प्रवर्तन निदेशालय का मानना है कि इस डील में किए गए लेन-देन में काले धन को सफेद करने की साजिश हो सकती है। इसलिए एजेंसी यह जानना चाहती है कि जमीन खरीदने और बेचने के पीछे की वित्तीय प्रक्रिया क्या थी, और क्या उसमें कोई गैरकानूनी लेन-देन हुआ।