
प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के पवित्र नगर प्रयागराज में इन दिनों महाकुंभ 2025 की तैयारियों का जोरशोर से आयोजन हो रहा है। 13 जनवरी से शुरू होने वाले इस महाकुंभ के आयोजन में अब केवल 3 दिन शेष हैं। 14 जनवरी को पहला शाही स्नान होगा, जो कुंभ मेले का सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। इस भव्य आयोजन के दौरान धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भरमार रहेगी।
प्रयागराज: महाकुंभ 2025 की तैयारियों का भव्य आयोजन
प्रयागराज, जो धर्म और आस्था का प्रतीक है, इन दिनों महाकुंभ 2025 की तैयारियों में व्यस्त है। 13 जनवरी से शुरू होने वाले इस अद्वितीय आयोजन का इंतजार पूरे देश और दुनिया के करोड़ों श्रद्धालु कर रहे हैं। इस पावन अवसर पर प्रयागराज में भक्तों और श्रद्धालुओं का ऐसा मेला लगने वाला है, जिसकी गूंज भारत की सांस्कृतिक विरासत को एक नई ऊंचाई तक ले जाएगी।
महाकुंभ 2025 की शुरुआत को अब केवल कुछ दिन बचे हैं। 14 जनवरी को पहला शाही स्नान होगा, जो कुंभ मेले का सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र अनुष्ठान माना जाता है। इस अवसर पर श्रद्धालु गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में स्नान करेंगे, जो उनके पापों का नाश और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्रदान करता है।
बॉलीवुड सितारे महाकुंभ में देंगे अपनी प्रस्तुतियां
महाकुंभ का यह आयोजन न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी विशेष है। संस्कृति मंत्रालय ने इस बार मेले को और अधिक भव्य और आकर्षक बनाने के लिए बॉलीवुड के कई नामचीन गायकों को आमंत्रित किया है। इस सूची में शंकर महादेवन, कैलाश खेर, मोहित चौहान, शान, हरिहरन, कविता कृष्णमूर्ति, मालिनी अवस्थी, और डॉ. एल सुब्रमण्यम जैसे प्रसिद्ध कलाकार शामिल हैं।
इस सांस्कृतिक उत्सव की शुरुआत शंकर महादेवन के शानदार प्रदर्शन से होगी, जबकि इसका समापन मोहित चौहान की सुरीली और भावपूर्ण प्रस्तुतियों के साथ होगा। इनके अलावा, हर दिन अलग-अलग कलाकार अपने गायन से श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध करेंगे। मंत्रालय के अनुसार, इन आयोजनों का उद्देश्य भक्तों के लिए एक अनूठा आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करना है, जो उनके मन और आत्मा को शांति और सुकून से भर देगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया तैयारियों का जायजा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लेने के लिए हाल ही में प्रयागराज का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने विभिन्न अखाड़ों का दौरा किया और साधुओं से मुलाकात की। संगम क्षेत्र में ‘निषादराज’ क्रूज पर सवार होकर मुख्यमंत्री ने व्यवस्थाओं की समीक्षा की। उनके साथ वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे, जिन्होंने उन्हें सुरक्षा और अन्य व्यवस्थाओं की जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने प्रशासन को सख्त निर्देश दिए हैं कि महाकुंभ के दौरान आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाए। इसके अलावा, उन्होंने धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों को बेहतर तरीके से संपन्न कराने के लिए अधिकारियों को प्रेरित किया।
महाकुंभ के लिए व्यापक सुरक्षा इंतजाम
महाकुंभ जैसे विशाल आयोजन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था बेहद महत्वपूर्ण होती है। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि इस बार महाकुंभ के लिए 125 एंबुलेंस तैनात की गई हैं, जिनमें से 15 एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम से लैस हैं। इसके अतिरिक्त, आपात स्थिति में एयर एंबुलेंस और 7 नदी एंबुलेंस भी तैयार रखी गई हैं।
पुलिस महानिरीक्षक तरुण गाबा ने जानकारी दी कि महाकुंभ के लिए 7-स्तरीय सुरक्षा योजना लागू की गई है। इस योजना के तहत विभिन्न स्तरों पर संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान और जांच की जाएगी। सुरक्षा के लिए 2700 एआई-सक्षम कैमरे लगाए गए हैं, जो हर गतिविधि पर नजर रखेंगे। इसके अलावा, राज्य और केंद्र सरकार की एजेंसियां भी समन्वय में काम कर रही हैं ताकि यह आयोजन शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो सके।
45 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद
महाकुंभ 2025 में 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। यह आयोजन न केवल भारत बल्कि दुनिया भर के श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है। संगम पर पवित्र स्नान करने का धार्मिक महत्व यह है कि इससे व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
इस बार शाही स्नान 14 जनवरी (मकर संक्रांति), 29 जनवरी (मौनी अमावस्या), और 3 फरवरी (बसंत पंचमी) को होगा। महाकुंभ का समापन 26 फरवरी को होगा। इन पवित्र अवसरों पर संगम क्षेत्र में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ेगी, जो भारतीय संस्कृति और धर्म की समृद्धता को दर्शाएगी।
आध्यात्मिकता और संस्कृति का संगम
महाकुंभ केवल धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, कला, और अध्यात्म का अद्वितीय संगम है। यहां एक ओर गंगा, यमुना और सरस्वती का पवित्र संगम है, तो दूसरी ओर कला और संगीत की सुरमयी धारा बहती है। बॉलीवुड गायकों की प्रस्तुतियां इस आयोजन को और भी खास बनाएंगी।
महाकुंभ 2025, अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक भव्यता के कारण, आने वाले वर्षों के लिए एक मिसाल कायम करेगा। प्रयागराज इस आयोजन के माध्यम से दुनिया को भारतीय धर्म, संस्कृति और परंपरा की गहराई से परिचित कराने का एक अद्वितीय मंच प्रदान करेगा।