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वाशिंगटन डीसी: दुनिया की सबसे प्रभावशाली खुफिया एजेंसी मानी जाने वाली एफबीआई के नए निदेशक बने भारतीय मूल के काश पटेल ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उल्लेखनीय है कि उन्होंने भारत के पवित्र ग्रंथ भगवद गीता पर हाथ रखकर शपथ ग्रहण की। अमेरिका की प्रमुख संघीय जांच एजेंसी के 9वें निदेशक के रूप में पदभार संभालने के बाद उन्होंने कहा, “मैं अमेरिकी सपने को जी रहा हूं। आप एक ऐसे भारतीय से बात कर रहे हैं, जो पहली पीढ़ी का प्रवासी है और अब पृथ्वी के सबसे महान राष्ट्र की कानून प्रवर्तन एजेंसी का नेतृत्व कर रहा है। यह केवल अमेरिका में ही संभव है…”

शपथ ग्रहण समारोह और उनकी प्रतिबद्धता

काश पटेल ने शुक्रवार (स्थानीय समयानुसार) को संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के निदेशक पद की शपथ ली। यह शपथ उन्हें अमेरिकी अटॉर्नी जनरल पाम बोंडी ने वाशिंगटन डीसी स्थित व्हाइट हाउस परिसर में आइजनहावर कार्यकारी कार्यालय भवन (ईईओबी) के भारतीय संधि कक्ष में दिलाई।

अपने शपथ ग्रहण के बाद पटेल ने अमेरिका की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनकी नियुक्ति का यह अवसर किसी अन्य देश में संभव नहीं हो सकता। उन्होंने अमेरिकियों को एफबीआई के भीतर और बाहर पूरी पारदर्शिता और जवाबदेही का आश्वासन दिया।

“जो लोग सोचते हैं कि अमेरिकी सपना खत्म हो चुका है, वे इसे देखें”

काश पटेल ने कहा, “मैं अमेरिकी सपने को जी रहा हूं। जो कोई भी सोचता है कि यह सपना अब खत्म हो चुका है, उसे मेरी नियुक्ति पर नजर डालनी चाहिए। मैं पहली पीढ़ी का भारतीय हूं और अब दुनिया के सबसे शक्तिशाली कानून प्रवर्तन संगठन का नेतृत्व कर रहा हूं। ऐसा अवसर किसी अन्य देश में मिलना असंभव है। मैं वादा करता हूं कि एफबीआई के भीतर और बाहर जवाबदेही बनी रहेगी।”

ट्रंप ने काश पटेल की सराहना की

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने काश पटेल की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे अब तक के सबसे बेहतरीन एफबीआई निदेशक साबित होंगे। ट्रंप ने कहा, “काश (पटेल) को चुनने का मेरा एक प्रमुख कारण यह है कि एजेंसी के एजेंट उनके प्रति सम्मान की भावना रखते हैं। वे इस पद पर अब तक के सबसे सफल निदेशक साबित होंगे। उनकी नियुक्ति को स्वीकृति मिलना बेहद आसान रहा। वे मजबूत इच्छाशक्ति वाले व्यक्ति हैं, जिनकी अपनी स्पष्ट राय है।”

ट्रंप के करीबी सहयोगी ट्रे गौडी ने भी काश पटेल की सराहना करते हुए कहा कि वे असाधारण व्यक्तित्व के धनी हैं। उनके अनुसार, “लोग अभी पूरी तरह से नहीं समझ रहे हैं कि काश पटेल कितने प्रभावशाली व्यक्ति हैं।”

डेमोक्रेट सांसदों का विरोध

हालांकि, डेमोक्रेट सांसदों ने काश पटेल की नियुक्ति का विरोध किया और उनकी निष्पक्षता पर सवाल उठाए। उनका मानना था कि पटेल ट्रंप के इशारों पर काम कर सकते हैं और उनके विरोधियों को निशाना बना सकते हैं। इसके बावजूद, सीनेट में पटेल ने एफबीआई के राजनीतिकरण और किसी भी प्रकार की प्रतिशोधी कार्रवाई से इंकार किया।

गौरतलब है कि काश पटेल एफबीआई की कार्यशैली को लेकर पहले भी मुखर रहे हैं। वे डोनाल्ड ट्रंप के कट्टर समर्थक माने जाते हैं। बावजूद इसके, अमेरिकी सीनेट ने 51-49 के मतों से उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी।

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