
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज भुवनेश्वर पहुंचने वाले हैं, जहां वे 18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। पीएम मोदी बुधवार रात भुवनेश्वर पहुंचे हैं। इस बार सम्मेलन का विषय ‘विकसित भारत में प्रवासी भारतीयों का योगदान’ रखा गया है। इस सम्मेलन में 50 से अधिक देशों के प्रवासी भारतीयों के भाग लेने की उम्मीद है। इस अवसर पर पीएम मोदी भारतीय एक्सप्रेस ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाएंगे। यह ट्रेन प्रवासी भारतीयों को भारत के ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों की यात्रा का अनुभव कराएगी। इसी कार्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री मोदी बुधवार शाम विशेष विमान से आंध्र प्रदेश से भुवनेश्वर पहुंचे।
प्रधानमंत्री मोदी का ओडिशा में स्वागत किया गया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भुवनेश्वर पहुंचने पर राज्यपाल हरि बाबू कंभमपित, मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, राज्य भाजपा अध्यक्ष मनमोहन सामल और अन्य प्रमुख व्यक्तियों ने उनका स्वागत किया। कड़ी सुरक्षा के बीच प्रधानमंत्री का काफिला राजभवन की ओर बढ़ा, जबकि सड़कों पर बड़ी संख्या में लोग उनका स्वागत करने के लिए खड़े थे। मोदी का काफिला गुजरते हुए लोक कलाकारों ने प्रस्तुति दी और विभिन्न स्थानों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। सड़कों को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया था। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री राजभवन में रात्रि विश्राम करेंगे और कल प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे।
प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे पीएम मोदी प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) सम्मेलन भारत सरकार का प्रमुख कार्यक्रम है, जो भारतीय प्रवासियों से जुड़ने और उन्हें देशवासियों से संवाद करने का अवसर प्रदान करता है। 18वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन ओडिशा राज्य सरकार के साथ साझेदारी में 8 से 10 जनवरी 2025 तक भुवनेश्वर में आयोजित किया जा रहा है। इस वर्ष का विषय “विकसित भारत के लिए प्रवासी भारतीयों का योगदान” है। 50 से अधिक देशों से बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीयों ने इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए पंजीकरण किया है। पीएम मोदी प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे, जो एक विशेष पर्यटक ट्रेन है। यह ट्रेन दिल्ली के निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से रवाना होगी और तीन सप्ताह तक भारत के प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थलों की यात्रा करेगी। प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस का संचालन प्रवासी तीर्थ दर्शन योजना के तहत किया जाएगा।