
इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष और राहुल गांधी के करीबी सैम पित्रोदा ने हाल ही में एक विवादित बयान दिया, जिसमें उन्होंने भारत से चीन को दुश्मन मानने की मानसिकता को खत्म करने की अपील की। उनका कहना था कि चीन से खतरे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है और भारत को चीन को सम्मान देना चाहिए, न कि उसे दुश्मन मानना चाहिए। इस बयान के बाद कांग्रेस ने सैम पित्रोदा से अलग रुख अपनाते हुए स्पष्ट किया कि यह उनका व्यक्तिगत विचार है और कांग्रेस पार्टी के विचारों से कोई संबंध नहीं है।
कांग्रेस ने सैम पित्रोदा के बयान से किनारा किया
कांग्रेस पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि सैम पित्रोदा के बयान को पार्टी की विचारधारा नहीं माना जा सकता। रमेश ने यह भी कहा कि चीन भारत की विदेश नीति, सुरक्षा और आर्थिक क्षेत्र के लिए सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है और पार्टी ने हमेशा मोदी सरकार के चीन के प्रति दृष्टिकोण पर सवाल उठाए हैं।
सैम पित्रोदा का बयान
सैम पित्रोदा ने न्यूज एजेंसी IANS को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि भारत को चीन को दुश्मन मानने के बजाय उसे सम्मान देना चाहिए। उनका कहना था, “हमें पहले दिन से ही टकराव की मानसिकता को छोड़ना चाहिए, क्योंकि यह दुश्मनी पैदा करता है। हमें इस पैटर्न को बदलने की जरूरत है, जो किसी के लिए भी सही नहीं है।”
उन्होंने आगे कहा, “चीन चारों ओर है और बढ़ रहा है, हमें इसे समझना और स्वीकार करना होगा। अब सभी देशों को एक साथ आकर काम करना चाहिए और संवाद बढ़ाना चाहिए।” पित्रोदा ने यह भी कहा कि दुनिया के सभी देश अलग-अलग गति से आगे बढ़ रहे हैं, और भारत को अपनी विदेश नीति पर ध्यान देना चाहिए।
बीजेपी का हमला
सैम पित्रोदा के इस बयान पर बीजेपी ने तीखा हमला किया है। बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “सैम पित्रोदा ने कांग्रेस पार्टी के चीन के साथ समझौते की पोल खोल दी है। पित्रोदा के बयान ने भारत की अस्मिता, कूटनीति और संप्रभुता पर गहरा आघात किया है।”
बीजेपी ने आरोप लगाया कि सैम पित्रोदा के इस बयान से यह साफ हो गया कि कांग्रेस पार्टी चीन के साथ समझौते की नीति पर चल रही है, जो देशहित में नहीं है। उन्होंने कहा कि यह बयान न केवल कूटनीतिक दृष्टि से गलत है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरे की घंटी है।
राहुल गांधी का भी बयान
राहुल गांधी ने भी विदेशों में चीन के संदर्भ में विवादित बयान दिए थे। एक बार उन्होंने कहा था कि चीन ने बेरोजगारी के मुद्दे को काफी अच्छे तरीके से हल किया है, जो कि भारतीय नागरिकों के लिए बहुत आपत्तिजनक था। इसके बाद जब सैम पित्रोदा ने ऐसे बयान दिए, तो विपक्षी दलों ने इसे गंभीरता से लिया और आलोचना की।
सैम पित्रोदा के विवादित बयान पर कांग्रेस का रुख
सैम पित्रोदा के द्वारा दिए गए विवादित बयानों की एक लंबी सूची है। लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने अंग्रेजी अखबार ‘द स्टेट्समैन’ को दिए इंटरव्यू में कहा था कि भारत के पूर्वी हिस्से के लोग चाइनीज़ और दक्षिण भारत के लोग अफ्रीकी जैसे दिखते हैं। इस पर भी विवाद खड़ा हो गया था और बीजेपी ने इसे लेकर तीखी आलोचना की थी।
कांग्रेस ने इस बयान से भी किनारा करते हुए कहा था कि भारत की विविधता की यह परिभाषा स्वीकार्य नहीं है। इसके बाद पित्रोदा को इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा था, लेकिन 26 जून 2024 को उन्हें फिर से इस पद पर नियुक्त किया गया।