
नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद बीजेपी और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “दिल्ली में चुनाव का ऐलान हुआ और उससे पिछली रात मेरा सरकारी घर, यानी सीएम आवास, छीन लिया गया। एक चुनी हुई सरकार के मुख्यमंत्री को उसके आधिकारिक आवास से निकाल दिया गया। यह दूसरी बार हुआ है जब मेरा सामान घर से बाहर फेंका गया।”
PWD विभाग का बयान
PWD विभाग ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री आतिशी ने 6 फ्लैग स्टाफ रोड का भौतिक कब्जा (Physical Possession) नहीं लिया था। विभाग ने बार-बार रिमाइंडर भेजा, लेकिन आतिशी वहां शिफ्ट नहीं हुईं। उनकी मांग पर घर में कई बदलाव किए गए, फिर भी उन्होंने घर में रहने की शुरुआत नहीं की। इस कारण घर का आवंटन रद्द कर दिया गया।
आप नेता सौरभ भारद्वाज का बयान
आप नेता सौरभ भारद्वाज ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “बीजेपी ने बीते कुछ सालों में जो रवैया अपनाया है, उससे साफ है कि उन्हें दिल्ली के लोगों की कोई परवाह नहीं है। उनका एक ही एजेंडा है कि ‘आप’ के नेताओं के खिलाफ मुकदमे किए जाएं, जेल भेजा जाए, और जेल में दवाएं भी रोकी जाएं। लेकिन अब उन्होंने पहली बार ऐसा किया है, जो देश के 75 साल के इतिहास में कभी नहीं हुआ। एक महिला मुख्यमंत्री को उनके आधिकारिक आवास से निकाल दिया गया।”
सौरभ भारद्वाज ने आगे कहा, “दिल्ली की जनता को अब यह तय करना होगा कि जिन्होंने काम किया है, उन्हें वोट दें और जिन्होंने काम रोका है, उन्हें हराएं। रमेश बिधूड़ी पर अब तक दिल्ली पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है। क्या चुनाव आयोग इस पर कार्रवाई करेगा? अगर रमेश बिधूड़ी पर एफआईआर दर्ज होती है, तो ही हम मानेंगे कि चुनाव आयोग निष्पक्ष है।”
बीजेपी का पलटवार
बीजेपी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री आतिशी जनता को गुमराह कर रही हैं। बीजेपी के अनुसार, आतिशी को 11 अक्टूबर 2024 को सीएम आवास आवंटित किया गया था, लेकिन उन्होंने अरविंद केजरीवाल को नाराज करने के डर से इस आवास पर कब्जा नहीं लिया। इसके चलते उनका आवंटन रद्द कर दिया गया। इसके बदले उन्हें दो अन्य बंगले भी ऑफर किए गए थे।
अब चुनावी माहौल में यह मुद्दा दोनों पार्टियों के बीच तकरार का बड़ा कारण बन गया है।