
जयपुर: राजस्थान से आई एक बड़ी खबर ने सबको चौंका दिया है। राज्य में 9 जिलों को खत्म करने का निर्णय लिया गया है। कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लगी। गहलोत सरकार द्वारा पहले 17 नए जिलों और 3 नए संभागों की घोषणा की गई थी, लेकिन चुनाव आचार संहिता से पहले इन्हें लागू करना उपयुक्त नहीं समझा गया। परिणामस्वरूप, इन जिलों को खत्म करने का फैसला लिया गया।
भजनलाल सरकार ने नए जिलों में से कुछ को अव्यावहारिक मानते हुए इसे राज्य के हित में नहीं माना। अब, 17 में से केवल 8 जिले बरकरार रहेंगे, और 9 जिलों को रद्द कर दिया गया है। इसके बाद राजस्थान में अब कुल 41 जिले और 7 संभाग होंगे।
रद्द किए गए जिले
- दूदू
- केकड़ी
- शाहपुरा
- नीमकाथाना
- गंगापुरसिटी
- जयपुर ग्रामीण
- जोधपुर ग्रामीण
- अनूपगढ़
- सांचौर
जो जिले बने रहेंगे
- बालोतरा
- ब्यावर
- डीग कुम्हेर
- डीडवाना कुचामन
- कोटपुतली बहरोड़
- खेड़थल तिजारा
- फलोदी
- सलूंबर
कैबिनेट के अन्य बड़े फैसले
इसके अलावा बैठक में खाद्य सुरक्षा योजना के तहत नए लाभार्थियों को जोड़े जाने का फैसला लिया गया। साथ ही, CET (कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट) में अब तीन वर्षों तक के स्कोर मान्य होंगे। पहले यह सीमा केवल एक वर्ष की थी।
गौरतलब है कि 1 जुलाई को राजस्थान सरकार ने एक उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया था। इस समिति को नए जिलों और संभागों की प्रासंगिकता पर समीक्षा कर रिपोर्ट पेश करने का जिम्मा दिया गया था। यह रिपोर्ट 31 अगस्त तक दी जानी थी, लेकिन इसे 24 घंटे पहले ही 30 अगस्त को राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव दिनेश कुमार को सौंप दिया गया।
सियासी गलियारों में गहमागहमी
गहलोत सरकार के समय बनाए गए जिलों को निरस्त करने के इस फैसले ने राजनीतिक हलचल तेज कर दी है। विपक्ष इसे अपने लिए बड़ा झटका मान रहा है और इस पर सियासी बहस जोर पकड़ रही है।