
असम पुलिस ने सोमवार को पाकिस्तान के नागरिक अली तौकीर शेख और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भारत विरोधी गतिविधियों के आरोप में एक प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज की है। यह कार्रवाई असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की अध्यक्षता में रविवार को हुई कैबिनेट बैठक के बाद की गई, जिसमें पुलिस को शेख और उनके कथित संबंधों के बारे में जांच करने के निर्देश दिए गए। इसके साथ ही यह भी जांच की जाएगी कि इन संबंधों का देश की सुरक्षा और संप्रभुता पर कोई असर तो नहीं पड़ता।
गौरव गोगोई की पत्नी एलिजाबेथ क्लेयर गोगोई के खिलाफ लगे आरोपों को कांग्रेस ने ‘बदनाम करने की साजिश’ करार दिया है और इसका विरोध किया है। गोगोई ने कहा कि वह इस मुद्दे पर उचित कानूनी कदम उठाएंगे।
एफआईआर में लगाए गए आरोप
असम पुलिस के अपराध जांच विभाग (CID) द्वारा अली तौकीर शेख के खिलाफ दर्ज की गई FIR में विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। इनमें भारतीय दंड संहिता (BNS) और गैरकानूनी गतिविधियां (निरोधक) अधिनियम (UA(P) Act) की धाराएं शामिल हैं, जिनमें भारत के खिलाफ अपराध में संलिप्तता, राष्ट्रीय सुरक्षा और अखंडता को खतरा, आपराधिक साजिश और गैरकानूनी गतिविधियां शामिल हैं।
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने X पर पोस्ट करते हुए बताया कि असम पुलिस ने इस मामले में FIR दर्ज की है और इसे CID PS केस नंबर 05/2025 के तहत पंजीकृत किया गया है।
एलिजाबेथ गोगोई और अली तौकीर शेख का विवाद
हिमंत बिस्वा सरमा ने आरोप लगाया था कि एलिजाबेथ गोगोई पाकिस्तान स्थित Lead Pakistan नामक संस्था का हिस्सा रही हैं, जो जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर काम करती है। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों शेख और एलिजाबेथ गोगोई ने ग्लोबल क्लाइमेट एक्शन ग्रुप “Climate and Development Knowledge Network (CDKN)” का हिस्सा बने थे, जो भारत और पाकिस्तान दोनों में कार्यरत है।
कांग्रेस और गोगोई का रुख
गौरव गोगोई ने इन आरोपों को लेकर एक बयान में कहा कि यह सब असम में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “बीजेपी के पास जनता को दिखाने के लिए कोई उपलब्धि नहीं है, और अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए वे इस तरह की निराधार और बेबुनियाद बदनामी की साजिश कर रहे हैं।”
गोगोई ने यह भी कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि असम की जनता इस साजिश को समझेगी और आगामी चुनावों में कांग्रेस के पक्ष में मतदान करेगी।
असम सरकार का गंभीर रुख
हिमंत बिस्वा सरमा ने यह भी कहा कि असम सरकार इस मामले को बेहद गंभीरता से ले रही है और सुरक्षा एवं संप्रभुता के हित में कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार केंद्र से यह जांचने के लिए पत्र लिखेगी कि क्या एलिजाबेथ गोगोई ने वीजा नियमों का उल्लंघन किया है, क्योंकि वह 2014 और 2019 में लोकसभा चुनावों के दौरान सक्रिय रूप से प्रचार में शामिल थीं।