
महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी की जयंती ‘पराक्रम दिवस’ पर यूपी के गाजियाबाद में दुर्गा भाभी चौक पर युवा अभ्युदय मिशन की ओर से श्रद्धांजलि अर्पण समारोह का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में पावन चिंतन धारा आश्रम के संस्थापक परमपूज्य डॉ पवन सिन्हा ‘गुरुजी’ एवं आदरणीय गुरु माँ डॉ कविता अस्थाना की गरिमामय उपस्थिति में मुख्य वक्ता वीर चक्र प्राप्त कर्नल टी. पी. त्यागी, कवि एवं पत्रकार श्री राज कौशिक और पत्रकार एवं लेखक श्री रवि अरोरा ने उपस्थित राष्ट्र प्रेमियों के साथ नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बारे में अनूठी तथ्य और विशलेषण साझा किए.

कार्यक्रम का प्रारंभ सभी गणमान्य द्वारा महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस के चित्र पर माल्यार्पण से हुआ. कर्नल टी पी त्यागी ने नेताजी और आज़ाद हिंद फौज के शौर्य की व्याख्या करते हुए, ब्रिटिश सरकार में उनके खौफ और आज़ाद हिंद फौज के सैनिकों के साथ हुए दुर्व्यवहार की पुरजोर भर्त्सना की.
राज कौशिक ने आजादी के बाद भी नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथ हो रहे अन्याय पर दुःख व्यक्त करते हुए, देश के युवाओं से आव्हान किया कि वे नेताजी को जानें, समझे और नेताजी को वो सम्मान दे जिसके वे हक़दार हैं.

रवि अरोरा ने उस समय की ब्रिटिश सरकार और ब्रिटेन की स्थिति पर प्रकाश डालते हुए, युवाओ को तथ्यों के गहन विश्लेषण कर, देश और उसके नेताओं के बारे में में जागरूक होने की प्रेरणा दी.

युवा अभ्युदय मिशन के समन्वयक रोहित अरोरा ने नेताजी के जीवन के शौर्यवान प्रसंगों के उदहारण से युवाओं में देशभक्ति की ऊर्जा का संचार किया. उन्होंने नेताजी और गांधी जी के संबंद्ध के बारे में बताते हुए कहा – “उन में मत भेद अवश्य थे, लेकिन मन भेद नहीं थे”. साथ ही नेताजी की मृत्यु की वास्तविकता से श्रोताओं को अवगत कराया.
सभा ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस और आज़ाद हिंद फौज के सभी सैनिकों को एक साथ भारत रत्न और परमवीर चक्र दिए जाने की पुरज़ोर मांग की.

‘मेरी देश की उन्नती ही, मेरी उन्नती है’ के विचार और ‘जय हिंद’ का जय घोष करते हुए सभी ने नेताजी के सिद्धांतो पर चलने का संकल्प लिया. आज़ाद हिंद फौज के नैशनल एंथेम के साथ कार्यक्रम पूर्ण हुआ.
