
नई दिल्ली: दिल्ली की कालकाजी विधानसभा सीट पर सियासी मुकाबला और रोचक हो गया है। कांग्रेस ने इस सीट पर मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ अपने उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है। कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता अलका लांबा को आतिशी के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारने का निर्णय लिया है। पार्टी की ओर से अलका लांबा के नाम की आधिकारिक घोषणा कर दी गई है। वर्तमान में कालकाजी सीट से आतिशी विधायक हैं और आम आदमी पार्टी (AAP) की प्रमुख महिला चेहरा मानी जाती हैं।
कांग्रेस ने अपने आधिकारिक बयान में बताया कि पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति ने कालकाजी निर्वाचन क्षेत्र से दिल्ली विधानसभा के आगामी चुनाव के लिए अलका लांबा की उम्मीदवारी को मंजूरी दे दी है। अलका लांबा ने हाल ही में कालकाजी मंदिर में पूजा-अर्चना की थी, जिसके बाद से ही यह कयास लगाए जा रहे थे कि वह यहां से चुनाव लड़ सकती हैं।
कौन हैं अलका लांबा?
अलका लांबा कांग्रेस की जानी-मानी और अनुभवी नेता हैं। वर्तमान में वह अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष हैं और कांग्रेस वर्किंग कमेटी की सदस्य भी हैं। राजनीति में उनकी शुरुआत छात्र जीवन में ही हो गई थी, जब उन्होंने कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई (NSUI) की अध्यक्षता संभाली।
अलका लांबा का राजनीतिक सफर काफी दिलचस्प रहा है। उन्होंने कांग्रेस के साथ अपने करियर की शुरुआत की थी और बाद में आम आदमी पार्टी (AAP) में शामिल हो गईं। AAP के टिकट पर वह विधायक भी चुनी गईं। हालांकि, कुछ समय बाद उन्होंने AAP छोड़कर कांग्रेस में वापसी की और पार्टी में अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखी।
कालकाजी से क्यों खास है अलका लांबा का टिकट?
कालकाजी विधानसभा सीट दिल्ली की महत्वपूर्ण सीटों में से एक मानी जाती है। मौजूदा समय में यह सीट आतिशी के पास है, जो आम आदमी पार्टी की प्रमुख चेहरों में से एक हैं। आतिशी न केवल पार्टी के लिए बल्कि कालकाजी क्षेत्र में भी एक लोकप्रिय नेता हैं।
अलका लांबा का नाम इस सीट से घोषित किए जाने के बाद कांग्रेस ने यह संकेत दिया है कि वह इस बार आम आदमी पार्टी को कड़ी टक्कर देने की तैयारी में है। अलका लांबा के पास राजनीति का लंबा अनुभव है और वह एक मजबूत वक्ता और रणनीतिकार मानी जाती हैं।
पूजा-अर्चना के साथ शुरू किया चुनावी अभियान
अलका लांबा ने अपने चुनावी अभियान की शुरुआत नए साल पर कालकाजी मंदिर में पूजा-अर्चना करके की। इससे यह साफ हो गया था कि वह इस सीट पर अपनी दावेदारी पेश करेंगी। कांग्रेस ने भी इसे समझते हुए उन्हें इस महत्वपूर्ण सीट से टिकट दिया।
अलका लांबा के नाम की घोषणा के बाद कालकाजी क्षेत्र में राजनीति तेज हो गई है। अब देखना यह होगा कि अलका लांबा और आतिशी के बीच इस मुकाबले में जनता किसका साथ देती है। कांग्रेस के इस फैसले ने यह साफ कर दिया है कि वह दिल्ली में अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ने वाली है।