
उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में 26 जनवरी 2018 को तिरंगा यात्रा के दौरान हुए चंदन गुप्ता हत्याकांड के संबंध में लखनऊ की विशेष एनआईए कोर्ट ने फैसला सुनाया है। इस मामले में एनआईए कोर्ट ने 28 आरोपियों को दोषी ठहराया, जबकि दो आरोपियों को बरी कर दिया। कोर्ट ने अब सजा का ऐलान शुक्रवार, 3 जनवरी 2025 को करना है। आरोपियों ने एनआईए कोर्ट की वैधानिकता और सुनवाई को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे लखनऊ बेंच ने खारिज कर दिया।
तिरंगा यात्रा के दौरान हुई हत्या
यह घटना 26 जनवरी 2018 को कासगंज में तिरंगा यात्रा के दौरान हुई थी, जब चंदन गुप्ता की हत्या कर दी गई थी। इस हत्या के बाद दो गुटों के बीच हिंसा भड़क उठी थी, जिसके चलते कई दुकानें, दो बसें और एक कार जला दी गई थी। इस हिंसा ने न केवल कासगंज बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश और देश की राजनीति को गरमा दिया था।
सुनवाई पूरी होने के बाद भी मामला लटका
कासगंज से यह मामला पहले एटा जिला कोर्ट और फिर 2022 में एनआईए कोर्ट, लखनऊ में ट्रांसफर किया गया था। एनआईए कोर्ट के अतिरिक्त जिला जज विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने 23 अक्टूबर 2024 को मामले की सुनवाई पूरी की थी और 25 अक्टूबर को आदेश सुरक्षित रख लिया था। हालांकि, 18 आरोपियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने मामले को कासगंज ट्रांसफर करने की मांग की थी, जिसके कारण फैसले में देरी हुई।
मामला दर्ज करने के बाद की कार्यवाही
चंदन गुप्ता के पिता, सुशील गुप्ता ने 26 जनवरी 2018 की रात को कासगंज थाने में इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करवाई थी। चंदन उर्फ अभिषेक गुप्ता गणतंत्र दिवस पर तिरंगा यात्रा में अपने भाई विवेक गुप्ता और अन्य साथियों के साथ शामिल हुआ था, जब उसकी हत्या कर दी गई। एनआईए ने इस मामले में 26 अप्रैल 2018 को पहला आरोप पत्र दाखिल किया था, और कोर्ट में 12 गवाह पेश किए गए थे, जिनमें मृतक के पिता सुशील गुप्ता और सौरभ पाल प्रमुख गवाह थे।
यह मामला अब अपने निर्णायक मोड़ पर है, जहां 28 दोषियों को सजा का सामना करना पड़ेगा और दो आरोपियों को राहत मिली है।