
उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री और अपना दल (सोनेलाल) के नेता आशीष पटेल इन दिनों विवादों में घिरे हुए हैं। उन पर भ्रष्टाचार के आरोप और आरक्षण के तहत नौकरी देने के आरोप लगाए जा रहे हैं। इसी बीच, योगी सरकार के मंत्री आशीष पटेल ने लखनऊ में अपना दल (एस) की एक विशेष बैठक बुलाई, जिसमें केंद्रीय मंत्री और पार्टी अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल भी मौजूद थीं। इसके अलावा, बैठक में अपना दल (एस) के राष्ट्रीय और प्रदेश पदाधिकारी भी शामिल हुए।
आशीष पटेल का बयान
बैठक में आशीष पटेल ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से वह समाचार पत्रों में अधिक छप रहे हैं, लेकिन उनका सकारात्मक पक्ष नजरअंदाज किया जा रहा है, जबकि नकारात्मक पहलुओं को प्रमुखता दी जा रही है। उन्होंने लोगों से पूछा कि क्या हमें डरकर चुप रहना चाहिए या लड़ना चाहिए, तो लोगों ने उत्तर दिया कि हमें लड़ना चाहिए। आशीष पटेल ने कहा, “यह सरदार पटेल का बेटा है, वह लड़ेगा। मैं किसी से डरने वाला नहीं हूं। अगर आपने कह दिया तो मैं और ताकत से लडूंगा, मैं किसी भी षड्यंत्र से डरने वाला नहीं हूं।”
वंचित वर्ग को आगे बढ़ाने की गलती
आशीष पटेल ने आगे कहा, “मैं खुली किताब हूं, मैंने सीबीआई से जांच कराने का आग्रह किया, तो क्या डरने की कोई बात है? 1700 करोड़ रुपये के बजट का उपयोग करके हमें बदनाम न किया जाए। मेरी गलती यह है कि मैंने 14 में से 7 वंचित वर्ग के डायरेक्टर बनाए, मेरी गलती यह है कि मैंने वंचित वर्ग को आगे बढ़ाया। मैं ऐसी गलती करता रहूंगा, लेकिन डरने का नाम नहीं लूंगा। आप मुझे जितना डराना चाहें, लेकिन मैं डरने वाला नहीं हूं। आपके पास तंत्र हो सकता है, लेकिन मेरे पास जनतंत्र है, और जब जनतंत्र मेरे साथ है तो तंत्र से डरने की कोई जरूरत नहीं है।”
संपत्ति और जांच का जिक्र
इसके साथ ही आशीष पटेल ने समाजवादी पार्टी की विधायक पल्लवी पटेल पर आरोप लगाया कि वह धरना करने में माहिर हैं। उन्होंने कहा, “सपा की विधायक सरकार की धरना मास्टर हैं। 2 जुलाई को धरना हुआ, फिर 17 अक्टूबर को भी धरना हुआ। मीडिया के साथी हमेशा धरना मास्टर को ही छापते रहते हैं और उन्हें प्रायोजित किया जाता है। जब भी उन्हें मौका मिलता है, वह धरने पर बैठ जाती हैं।”
आशीष पटेल ने यह भी कहा कि उनकी और उनकी पत्नी की संपत्ति की जांच की जाए और यह देखा जाए कि उनकी संपत्ति कितनी बढ़ी है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह किसी भी जांच से डरते नहीं हैं।