
हाईकोर्ट ने खालिस्तान समर्थक सांसद अमृतपाल सिंह की संसद में पेश होने की याचिका पर सुनवाई करते हुए सवाल उठाया है कि अब जब लोकसभा सेशन खत्म हो चुका है तो उनके आने का क्या फायदा? अमृतपाल के वकील ने चिंता जताई है कि 46 दिन की अनुपस्थिति हो चुकी है और 60 दिन पूरे होने पर उनकी सीट रिक्त घोषित हो जाएगी।
चंडीगढ़: खालिस्तान समर्थक सांसद अमृतपाल सिंह की संसद में पेश होने की याचिका पर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने सवाल उठाया कि लोकसभा सत्र अब समाप्त हो चुका है, ऐसे में अब आने का क्या फायदा?
अमृतपाल सिंह के वकील ने अदालत में कहा कि हमें डर है कि अगर 46 दिन की अनुपस्थिति के बाद याचिका का समाधान नहीं हुआ, तो 60 दिन की अनुपस्थिति पूरी होने पर अमृतपाल की सांसद की सीट को रिक्त घोषित कर दिया जाएगा।
कोर्ट का क्या कहना था?
कोर्ट ने यह सवाल उठाया कि क्या अमृतपाल को वर्चुअल तरीके से लोकसभा सत्र में शामिल किया जा सकता है। इसके बाद कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि क्या लोकसभा में कोई ऐसी कमेटी है जो उन सांसदों के मामलों पर विचार करती है जो सत्र में अनुपस्थित रहते हैं। अदालत ने केंद्र से इस पर मंगलवार तक जवाब देने का आदेश दिया।
वहीं, अमृतपाल के वकील ने कोर्ट को बताया कि केवल छह दिन शेष हैं जब 60 दिनों की अनुपस्थिति पूरी हो जाएगी, और उसके बाद उनकी सदस्यता समाप्त कर दी जाएगी। इस पर कोर्ट ने जवाब दिया कि जब 10 मार्च को लोकसभा का अगला सत्र शुरू होगा, तो उसके पहले अगर लोकसभा की ओर से कोई नोटिस मिलता है, तो उस समय वे अदालत में आ सकते हैं।