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13 जनवरी 2025 से महाकुंभ मेले की भव्य शुरुआत होने जा रही है। इस ऐतिहासिक आयोजन में लाखों नहीं, बल्कि करोड़ों श्रद्धालु शामिल होने के लिए प्रयागराज पहुंचेंगे। इसे ध्यान में रखते हुए प्रशासन और पुलिस महकमे ने व्यापक तैयारियां शुरू कर दी हैं। महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े, इसके लिए खास तौर पर ट्रैफिक प्रबंधन को लेकर एक विस्तृत योजना तैयार की गई है। इस योजना के तहत प्रयागराज जिले में आने-जाने के लिए 7 प्रमुख मार्ग निर्धारित किए गए हैं, जिन पर चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था और सुगम यातायात सुनिश्चित किया जाएगा।

कौन-कौन से हैं प्रमुख मार्ग?

उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को एक बयान में जानकारी दी कि ट्रैफिक पुलिस ने महाकुंभ मेले और आसपास के क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जौनपुर, वाराणसी, मिर्जापुर, कानपुर, रीवा/बांदा, लखनऊ और प्रतापगढ़ मार्गों को चिन्हित किया है। इन मार्गों पर सुचारू यातायात के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। अनुमान है कि इस महाकुंभ मेले में लगभग 40 करोड़ श्रद्धालु शामिल होंगे। ऐसे में इन मार्गों पर छोटे और बड़े वाहनों के लिए अलग-अलग पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही पैदल यात्रियों के लिए भी विशेष उपाय सुनिश्चित किए जाएंगे।

मेला क्षेत्र में वन-वे रूट लागू

महाकुंभ मेले के दौरान भारी भीड़ और यातायात प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए मेला क्षेत्र में वन-वे रूट की व्यवस्था लागू की जाएगी। इसके अलावा, किसी भी अप्रत्याशित स्थिति में तुरंत डायवर्जन प्लान लागू किया जाएगा। कुंभ मेला एसएसपी इस योजना की निगरानी करेंगे और जरूरत पड़ने पर उचित कदम उठाएंगे।

ट्रैफिक पुलिस द्वारा तैयार योजना के अनुसार, विभिन्न मार्गों से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या का अनुमान भी लगाया गया है। जौनपुर के रास्ते से कुल ट्रैफिक का 21 प्रतिशत आने की संभावना है, जबकि रीवा/बांदा मार्ग से 18 प्रतिशत ट्रैफिक आने की उम्मीद है। इसी प्रकार, वाराणसी के रास्ते से 16 प्रतिशत, कानपुर से 14 प्रतिशत और मिर्जापुर के रास्ते से 12 प्रतिशत ट्रैफिक आने का अनुमान है। इसके अतिरिक्त, लखनऊ से 10 प्रतिशत और प्रतापगढ़ से 9 प्रतिशत श्रद्धालुओं के आने की संभावना जताई गई है।

श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं

यातायात और भीड़ प्रबंधन के साथ-साथ, महाकुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए हर संभव सुविधा सुनिश्चित करने की कोशिश की जा रही है। वाहन पार्किंग से लेकर मेला क्षेत्र में पैदल चलने वालों की सुविधा तक, हर पहलू पर ध्यान दिया गया है। इस बार का आयोजन श्रद्धालुओं के लिए न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा, बल्कि यह प्रशासन की योजनाओं और व्यवस्थाओं के कारण सुविधाजनक और व्यवस्थित भी होगा।

सरकार और प्रशासन की ये कोशिशें इस महाकुंभ को एक ऐसा अनुभव बनाने का लक्ष्य रखती हैं, जो न केवल अध्यात्मिक रूप से संतोषजनक हो, बल्कि व्यवस्थित और बिना किसी बाधा के पूरा हो।

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