
नई दिल्ली/पहलगाम: पहलगाम आतंकी हमले की जांच में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की जांच से यह साफ होता जा रहा है कि इस हमले के पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की गहरी साजिश है। सूत्रों के मुताबिक, NIA को ऐसे ठोस सबूत मिले हैं जो इस बात की पुष्टि करते हैं कि यह हमला ISI के निर्देश पर लश्कर आतंकियों द्वारा अंजाम दिया गया।
पाकिस्तानी आतंकियों की पहचान और आतंकी नेटवर्क का खुलासा
जांच में सामने आया है कि इस हमले में शामिल दो आतंकी – हाशिम मूसा और अली भाई, पाकिस्तान के रहने वाले हैं। हमले के दौरान ये आतंकी लगातार पाकिस्तान में बैठे अपने हैंडलर्स से संपर्क में थे और उन्हें सेटेलाइट फोन के जरिए निर्देश मिल रहे थे।
NIA की कार्रवाई: सबूत, गिरफ्तारियां और टेक्नोलॉजी की मदद
अब तक NIA द्वारा की गई प्रमुख जांच कार्रवाई:
- घटनास्थल की 3D मैपिंग की गई
- 2800 से अधिक लोगों से पूछताछ
- 150+ संदिग्ध हिरासत में
- 40 से ज्यादा कारतूस फोरेंसिक जांच के लिए भेजे गए
- कई चश्मदीदों के बयान दर्ज किए गए
- सीसीटीवी फुटेज की गहन जांच
- आतंकियों द्वारा इस्तेमाल सेटेलाइट फोन की जांच
- पहलगाम में रेकी की गई जगहों की पहचान
- फोटोग्राफर, होटल मालिक, दुकानदार, जिपलाइन वर्कर, टूरिस्ट गाइड से पूछताछ
ओवर ग्राउंड वर्कर्स और प्रतिबंधित संगठनों पर NIA की नजर
सूत्रों के अनुसार, NIA ने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस और जमाते-इस्लामी जैसे प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े कई लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की है। इन संगठनों पर आतंकियों के लिए ओवर ग्राउंड नेटवर्क तैयार करने का शक है।
NIA को शुरुआती जांच में कुछ देशविरोधी दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य भी मिले हैं। कॉल रिकॉर्ड्स की जांच से यह संकेत मिला है कि इन संगठनों के कई सदस्यों का आतंकियों और ओवर ग्राउंड वर्कर्स से सीधा संपर्क था।
पहले से तय थे हमले के टारगेट, पहलगाम के अलावा थे तीन और स्थान
NIA की जांच में यह भी पता चला है कि आतंकी 15 अप्रैल को ही पहलगाम पहुंच गए थे। उनसे जुड़े ओवर ग्राउंड वर्कर्स ने खुलासा किया है कि पहलगाम के अलावा घाटी के तीन अन्य स्थान भी आतंकी निशाने पर थे। हमले से पहले इन आतंकियों ने तीन अलग-अलग सेटेलाइट फोन का इस्तेमाल किया।