राजस्थान के कोटपूतली में एक बोरवेल में फंसी बच्ची को बचाने के प्रयास जारी हैं, लेकिन 6 दिन बीत जाने के बाद भी सफलता नहीं मिली है। लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है, लेकिन अब तक बच्ची को सुरक्षित बाहर नहीं निकाला जा सका है। शनिवार (28 दिसंबर) की शाम अंतिम केसिंग पाइप डालने के बाद रेस्क्यू टीम ने सुरंग बनाकर हॉरिजॉन्टल खुदाई शुरू की है, लेकिन बच्ची तक पहुंचने में अभी भी समय लग सकता है।
रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे रैट माइनर्स और एनडीआरएफ के जवान सुरंग में उतरे हैं और 90 डिग्री पर खुदाई कर बच्ची तक पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि, इस ऑपरेशन के खत्म होने का समय अभी तय नहीं है, जिससे परिजनों और ग्रामीणों की चिंता बढ़ती जा रही है।
प्रशासन के पास कोई जवाब नहीं
बच्ची चेतना की मां धोली देवी ने प्रशासन से गुहार लगाई है और सवाल किया है कि अगर उनकी बेटी की जगह किसी और की बेटी होती तो भी यही रवैया अपनाया जाता? 6 दिन बीत चुके हैं, लेकिन चेतना को बाहर निकालने में कोई ठोस प्रगति नहीं हो पाई है। रेस्क्यू टीम और प्रशासन के पास इस बात का कोई जवाब नहीं है कि आखिर बच्ची को कब तक सुरक्षित निकाला जा सकेगा।
परिजनों और ग्रामीणों की उम्मीदें टूट रहीं
रेस्क्यू ऑपरेशन के नतीजे अब तक निराशाजनक रहे हैं। जैसे-जैसे समय बीत रहा है, परिजनों और ग्रामीणों की उम्मीदें धूमिल होती जा रही हैं। चेतना के माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है, और गांववाले उसकी सुरक्षित वापसी के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।
सबसे लंबा रेस्क्यू ऑपरेशन
राजस्थान में बोरवेल हादसों के इतिहास में यह अब तक का सबसे लंबा रेस्क्यू ऑपरेशन बन चुका है। इस ऑपरेशन में जितने संसाधनों का इस्तेमाल हुआ है, उतना किसी अन्य बोरवेल हादसे में नहीं किया गया। इसके बावजूद प्रशासन बच्ची को बाहर निकालने में असफल रहा है। अब सवाल उठता है कि चेतना को बचाने में और कितना समय लगेगा? क्या वह सुरक्षित वापस लौटेगी, या प्रशासन की लापरवाही के चलते यह हादसा और भी गंभीर हो जाएगा?