
छत्रपति संभाजी महाराज की पुण्यतिथि पर अबू आजमी ने दी श्रद्धांजलि, औरंगजेब को लेकर मचे विवाद के बाद किया पोस्ट
महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अबू आसिम आजमी ने छत्रपति संभाजी महाराज की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट साझा किया, जिसमें उन्होंने छत्रपति संभाजी महाराज के बलिदान को नमन किया।
औरंगजेब को लेकर बयान के बाद फिर चर्चा में आए अबू आजमी
हाल ही में अबू आसिम आजमी का एक बयान विवादों में आ गया था, जिसमें उन्होंने मुगल शासक औरंगजेब की प्रशंसा करते हुए उन्हें “अच्छा प्रशासक” बताया था। इस बयान के बाद कई राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने उनकी आलोचना की और उनके खिलाफ केस भी दर्ज कराया गया। इसी बीच, अबू आजमी ने छत्रपति संभाजी महाराज की पुण्यतिथि पर एक पोस्ट साझा किया, जिसे लेकर चर्चा तेज हो गई है।
अबू आजमी ने संभाजी महाराज को अर्पित की श्रद्धांजलि
11 मार्च को छत्रपति संभाजी महाराज की पुण्यतिथि के अवसर पर अबू आजमी ने X पर पोस्ट करते हुए लिखा—
“स्वराज्य के दूसरे छत्रपति, पराक्रमी योद्धा, धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज को उनके बलिदान दिवस पर विनम्र श्रद्धांजलि।”
गौरतलब है कि छत्रपति संभाजी महाराज की 11 मार्च, 1689 को मुगल शासक औरंगजेब के आदेश पर हत्या कर दी गई थी।
क्या है पूरा विवाद?
अबू आजमी के औरंगजेब को लेकर दिए गए बयान ने राजनीतिक माहौल गरमा दिया। उन्होंने अपने बयान में कहा था कि—
“गलत इतिहास पढ़ाया जा रहा है। औरंगजेब ने कई मंदिर बनवाए थे। वे कोई क्रूर शासक नहीं थे। बनारस में जब एक पंडित की बेटी के साथ उसके सिपहसालार ने बदतमीजी करने की कोशिश की, तो औरंगजेब ने उस सिपहसालार को दो हाथियों के बीच बांधकर मरवा डाला। इसके बाद उन पंडितों ने औरंगजेब के सम्मान में एक मस्जिद बनवाई।”
अबू आजमी ने यह भी कहा था कि—
“औरंगजेब के शासनकाल में भारत की जीडीपी 24% थी और देश को ‘सोने की चिड़िया’ कहा जाता था। उन्होंने कई मंदिर भी बनवाए थे, लेकिन इतिहास में गलत तथ्यों को बढ़ावा दिया गया है।”
बयान वापस लेने की नौबत आई
जब अबू आजमी के इस बयान पर भारी विरोध हुआ, तो उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि—
“अगर किसी को मेरे बयान से ठेस पहुंची है, तो मैं अपनी टिप्पणियां वापस लेता हूं।”
हालांकि, इस बयान को लेकर अभी भी राजनीतिक विवाद जारी है और महाराष्ट्र में कई संगठन उनके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।