बिल्डरों की मनमानी और जेडीए व रेरा की उदासीनता के चलते मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के विधानसभा क्षेत्र सांगनेर इलाके के लोग बुनियादी सुविधा जैसे बिजली, पानी और सड़क आदि के कारण बेहद परेशान है । न बिजली मुहैया और न ही पीने के लिए पानी ।
झूठे वादे और धोखाधड़ी के जरिये प्रति माह सैकड़ो करोड़ रुपये की बिल्डरों द्वारा खुलेआम लूटपाट की जा रही है । राज्य सरकार तो खामोश है ही, इनकम टैक्स विभाग ने आंखे मूंद रखी है ।

आजकल जयपुर में गेटेड टाउनशिप की जबरदस्त बाढ़ आई हुई है । बड़े बड़े बिल्डर झूठे वादे और आकर्षक विज्ञापन देकर जनता की आंखों में धूल झोंक रहे है । जयपुर में करीब 35 बिल्डरों द्वारा लगभग ढाई सौ टाउनशिप विकसित की जा रही है । बिल्डरों द्वारा आकर्षक वादे तो किये जाते है, लेकिन भूखण्ड बिकने के बाद वे उस टाउनशिप में झांकने की जरूरत तक महसूस नही करते है ।

प्राप्त जानकारी के अनुसार करीब 40 फीसदी टाउनशिप पर गोकुल कृपा ग्रुप का कब्जा है । इस बिल्डर की कुल चार कम्पनिया है । रियासत, भूमिजा, वीआरबी तथा चौथी स्वयं गोकुल कृपा । इसमे कोई संदेह नही है कि जयपुर में गेटेड टाउनशिप की शुरुआत गोकुल कृपा ने की है । इसकी देखा देखी मंगलम, सिद्धा, उन्नति, संजीवनी, अभिनंदन, कलश आदि कई छुटभैये ग्रुप कुकरमुत्ते की दिन प्रतिदिन जनता की जेब पर डाका डालने की गरज से पनप रहे है ।बिल्डरों द्वारा जनता लुट रही है । लेकिन रेरा, जेडीए और सरकार पूरी तरह मदमस्त होकर सो रही है । रेरा और जेडीए भ्रस्टाचार के उत्पादन की फैक्ट्री बनकर रह गई है । पैसे दो और करवा लो तुरत फुरत रजिस्ट्रेशन । दोनो एजेंसिया यह देखने की जहमत नही उठा रही है कि उपभोक्ताओं को बुनियादी सुविधा दी जा रही है या नही । वादे अनेक किये जाते है, लेकिन स्किम बिकने के बाद बिल्डर वापिस झांकने की जरूरत तक महसूस नही करते है ।

लूटपाट का नमूना देखिए । अजमेर रोड़ पर जयसिंहपुरा स्थित अभिनंदन ग्रुप की योजना “कृष्ण कुंज” में रत्ती भर का विकास नही हुआ है और जनता को 46 हजार प्रति वर्ग गज के हिसाब से प्लाट दिए जा रहे है । महत्वपूर्ण सवाल यह है कि जब सम्पूर्ण विकास ही नही हुआ तो सरकार ने प्लाट बेचने की इजाजत कैसे दे दी ? रेरा और जेडीए का कोई दायित्व नही है ? सभी बिल्डर रेरा और जेडीए के ठप्पे की आड़ लेकर 5 हजार रुपये वर्ग गज वाली जमीन को 40 हजार तक मे बिना सम्पूर्ण विकास के बेच रहे है । ऐसे में दोनों एजेंसिया चद्दर तानकर क्यो सोई पड़ी है ।

जानकारी के अनुसार गोकुल कृपा ग्रुप द्वारा पिछले दस साल में 50 हजार करोड़ के प्लाट बेचकर करीब 5 हजार करोड़ से ज्यादा की कमाई अर्जित की है । लेकिन इनकम टैक्स विभाग को कितनी राशि मुहैया कराई है, यह जांच का विषय है । सारा काला कारनामा खुलेआम हो रहा है । लेकिन न कोई देखने वाला है और न ही कोई सुनने वाला ।

ज्यादातर गड़बड़िया मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में हो रही है । बावजूद इसके पूरा सरकारी अमला खामोश होकर बैठा है । ग्राम मदाऊ स्थित कासली एन्क्लेव, अभिमन्यु, रूपराज, जयसिंहपुरा में कृष्ण कुंज, भूमिजा, आडिट सिटी, ओमेक्स में कोई धनी धोरी नही है । न बिजली जलती है और पानी मुहैया हो रहा है । रूपराज के निवासियों ने कई बार सरकार और बिल्डर गोकुल कृपा का ध्यान आकर्षित किया, लेकिन किसी के कान पर तनिक भी जू नही रेंगी ।

अनुमोदन से पहले जेडीए प्रयएक टाउनशिप की 12.5 प्रतिशत भूमि इसलिए आरक्षित रखती है ताकि बिल्डर अपेक्षित विकास नही करता है तो जेडीए आरक्षित जमीन को बेचकर वहां विकास कार्य करवा सकती है । सभी जानते है कि जेडीए और बिल्डरों का जबरदस्त गठजोड़ है । रिश्वत खाना जेडीए वालो का बुनियादी उद्देश्य है । विकास से इनका कोई ताल्लुक नही है । जयपुर में हो रही लूटपाट रोकने के लिए स्वयं सीएम को हस्तक्षेप करना चाहिए ।

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