नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में ग्रामीण भारत महोत्सव का उद्घाटन किया है। इस अवसर पर उन्होंने यह बताया कि 2014 से उनका मुख्य फोकस गांवों के विकास और वहां के लोगों की सेवा पर रहा है। महोत्सव का विषय “विकसित भारत 2047 के लिए एक समावेशी ग्रामीण भारत का निर्माण” है। इसका उद्देश्य ग्रामीण इलाकों की उद्यमिता की भावना और सांस्कृतिक धरोहर को सम्मानित करना है। यह महोत्सव नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित किया गया, जहां पीएम मोदी ने उपस्थित लोगों को संबोधित किया और ग्रामीण भारत के महत्व को उजागर किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर सभी को नए साल 2025 की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष की शुरुआत में आयोजित ग्रामीण भारत महोत्सव, भारत की विकास यात्रा का प्रतीक बन रहा है और यह एक नई पहचान बना रहा है। इस आयोजन के सफल संचालन के लिए पीएम मोदी ने नाबार्ड और अन्य सहयोगी संस्थाओं को बधाई दी।
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि आज लाखों गांवों के हर घर तक स्वच्छ पेयजल पहुंच चुका है। साथ ही, डेढ़ लाख से ज्यादा आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के माध्यम से ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं के बेहतर विकल्प उपलब्ध हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल कर देश के सर्वोत्तम डॉक्टरों और अस्पतालों को गांवों से जोड़ा गया है, और टेलीमेडिसिन के जरिए लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं दी जा रही हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि कोविड महामारी के दौरान दुनिया को चिंता थी कि भारत के गांव इस संकट से कैसे निपटेंगे, लेकिन हमनें हर गांव में हर व्यक्ति तक वैक्सीनेशन पहुंचाकर इसे चुनौती के रूप में पार किया।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए यह जरूरी है कि सभी वर्गों के हित में आर्थिक नीतियां बनाई जाएं। उन्होंने गर्व महसूस करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने गांवों के हर वर्ग के लिए योजनाएं बनाई हैं और महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। उदाहरण के तौर पर, केवल दो दिन पहले ही कैबिनेट ने पीएम फसल बीमा योजना को एक साल और जारी रखने की स्वीकृति दी है।