प्रयागराज, जिसे संगम नगरी के नाम से भी जाना जाता है, में 13 जनवरी 2025 से महाकुंभ का शुभारंभ होना है। इससे एक महीने पहले, आज यानी 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रयागराज का दौरा करेंगे। इस दौरान वे त्रिवेणी तट पर गंगा पूजन करेंगे और अक्षयवट, सरस्वती कूप तथा लेटे हनुमान मंदिर में दर्शन-पूजन करेंगे। प्रधानमंत्री अक्षयवट कॉरिडोर, हनुमान मंदिर कॉरिडोर और भारद्वाज कॉरिडोर का लोकार्पण भी करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी श्रृंगवेरपुर धाम कॉरिडोर, निषादराज पार्क और निषादराज-श्रीराम की प्रतिमा का वर्चुअल माध्यम से लोकार्पण करेंगे। इन स्थलों का सनातन धर्म में विशेष पौराणिक महत्व है। अक्षयवट वृक्ष को सनातन धर्म में अत्यंत पवित्र माना गया है। मान्यता है कि यह वृक्ष प्रलय के समय भी नष्ट नहीं होगा। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, सृष्टि के विनाश के समय भगवान विष्णु बाल रूप में इसी अक्षयवट के पत्ते पर विराजमान थे। यह वृक्ष न केवल हिंदू धर्म में बल्कि जैन और बौद्ध धर्म में भी पूजनीय है।
रामायण काल के अनुसार, भगवान राम ने वनवास के दौरान इस वृक्ष के नीचे विश्राम किया था, और माता सीता ने इसे ‘अक्षय’ होने का आशीर्वाद दिया था। प्रयागराज के पांच प्रमुख तीर्थों में अक्षयवट की गणना होती है, और इसे तीर्थराज प्रयाग के प्रमुख स्थलों में से एक माना जाता है।
संगम के पास स्थित भारद्वाज आश्रम का भी ऐतिहासिक महत्व है। रामायण में वर्णित है कि भगवान राम ने वनवास के दौरान और लंका विजय के बाद अयोध्या लौटते समय इस आश्रम में ऋषि भारद्वाज से आशीर्वाद लिया था। इसे सृष्टि का पहला गुरुकुल माना जाता है। ऋषि भारद्वाज ने यहां विमान शास्त्र की रचना की थी, जिसे पुष्पक विमान के रूप में जाना जाता है। अब इस आश्रम को पुनर्जीवित करने के लिए करोड़ों की लागत से भारद्वाज कॉरिडोर का निर्माण किया गया है, जिसे प्रधानमंत्री मोदी लोकार्पित करेंगे।
संगम में गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम होता है। हालांकि सरस्वती नदी अदृश्य मानी जाती है, लेकिन मान्यता है कि इसका जल किले स्थित सरस्वती कूप से जुड़ा है। यह कूप आज भी श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए संरक्षित किया गया है। सरस्वती कूप के जल को विशेष पवित्र माना जाता है, और इसे कांच से ढककर सुरक्षित रखा गया है।
इसके पास ही स्थित लेटे हनुमान मंदिर भी प्रयागराज के महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक है। संगम स्नान करने आने वाले श्रद्धालु इस मंदिर में दर्शन किए बिना अपनी यात्रा को अधूरी मानते हैं। मान्यता है कि इस मंदिर में सच्चे मन से मांगी गई हर इच्छा पूर्ण होती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने इस दौरे के दौरान इन सभी स्थलों पर दर्शन करेंगे और इन्हें नई सौगात देंगे।