
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत का सख्त रुख, पाकिस्तान पर कसा शिकंजा – जानिए पांच बड़े फैसले और कसूरी का जवाब
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त और निर्णायक कदम उठाए हैं। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई, जिससे पूरे देश में गुस्से की लहर दौड़ गई। इस आतंकी हमले के पीछे लश्कर-ए-तैयबा के डिप्टी कमांडर सैफुल्लाह कसूरी का नाम सामने आया है, लेकिन अब उसने एक वीडियो बयान जारी कर खुद को निर्दोष बताया है।
कसूरी का दावा: “मैं जिम्मेदार नहीं, यह भारत की साजिश है”
सैफुल्लाह कसूरी ने एक वीडियो जारी कर कहा है कि उसका इस आतंकी हमले से कोई लेना-देना नहीं है। उसने हमले की निंदा की और आरोप लगाया कि भारत इस हमले के जरिए पाकिस्तान और उसे बदनाम करने की कोशिश कर रहा है। कसूरी ने बयान में कहा:
“जम्मू कश्मीर के पहलगाम में जो आतंकी हमला हुआ, हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं। लेकिन भारत की मीडिया ने मुझे और पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहरा दिया। यह बेहद अफसोसनाक है। हिन्दुस्तान पाकिस्तान को जंगी दुश्मन मानता है और इस तरह की साजिशें रचकर जंग का माहौल बना रहा है।”
कसूरी ने भारत पर यह भी आरोप लगाया कि उसने खुद ही हमले को अंजाम दिया ताकि अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को बदनाम किया जा सके। उसने इस पूरे हमले को भारत की “पूर्व नियोजित साजिश” बताया।
भारत का पलटवार: पाकिस्तान पर पांच बड़े फैसले
भारत सरकार ने बुधवार रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ पांच बड़े और कठोर निर्णय लिए:
- इंडस वाटर ट्रीटी (सिंधु जल संधि) पर रोक: भारत ने ऐतिहासिक संधि को सस्पेंड करते हुए पाकिस्तान को मिलने वाले पानी पर पुनर्विचार का निर्णय लिया है।
- अटारी बॉर्डर सील: भारत-पाकिस्तान के बीच महत्वपूर्ण अटारी बॉर्डर को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।
- पाकिस्तानी राजनयिकों पर निगरानी: भारत ने अपने राजनयिक चैनलों के जरिए पाकिस्तानी अधिकारियों की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी शुरू कर दी है।
- आर्थिक सहयोग रोकने की तैयारी: पाकिस्तान को दी जा रही किसी भी प्रकार की वित्तीय सहायता या व्यापारिक सहूलियत पर रोक लगाने की योजना बनाई जा रही है।
- डिप्लोमैटिक आइसोलेशन की रणनीति: भारत अब वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान को आतंकवाद का समर्थन करने वाला देश घोषित करने की दिशा में और अधिक आक्रामक रुख अपनाएगा।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का संदेश स्पष्ट
भारत का यह रुख यह साफ संकेत देता है कि अब आतंकी गतिविधियों को सीधे तौर पर युद्ध जैसी कार्रवाई मानी जाएगी। पहलगाम हमले ने एक बार फिर भारत को मजबूर कर दिया है कि वह कूटनीतिक के बजाय ठोस और व्यावहारिक निर्णय ले।