
नई दिल्ली/वॉशिंगटन: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद न केवल भारत, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भी रोष देखने को मिला है। अमेरिका, नेपाल, फ्रांस समेत कई देशों ने इस हमले की कड़ी निंदा की है। इस हमले में कई निर्दोष नागरिकों की जान चली गई, जिससे पूरे भारत में शोक की लहर दौड़ गई।
अमेरिकी विदेश विभाग ने दी सख्त प्रतिक्रिया
अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने हमले को “बर्बर और अमानवीय” बताया और कहा कि “इस आतंकवादी हमले में शामिल सभी दोषियों को जल्द से जल्द न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।” टैमी ब्रूस ने साफ किया कि आतंक के खिलाफ अमेरिका हमेशा भारत के साथ खड़ा रहेगा।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तानी पत्रकार की बोलती बंद
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक पाकिस्तानी पत्रकार ने कश्मीर मुद्दे पर भटकाने की कोशिश करते हुए बेबुनियाद सवाल पूछा। पत्रकार ने कहा:
“राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में भारत-पाक के बीच कश्मीर पर मध्यस्थता की बात की थी, इस बार भी तनाव चरम पर है…”
लेकिन इससे पहले कि पत्रकार अपनी बात पूरी कर पाता, टैमी ब्रूस ने उसे बीच में टोकते हुए दो टूक कहा:
“मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करने जा रही हूं।”
उनके इस जवाब से पत्रकार पूरी तरह निरुत्तर हो गया और यह स्पष्ट हो गया कि अमेरिका आतंकवाद पर कोई ‘डबल स्टैंडर्ड’ नहीं अपनाएगा।
डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी से की बात, जताई संवेदना
इस बीच, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर इस भीषण हमले पर गहरी संवेदना व्यक्त की। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका इस कठिन समय में भारत के साथ खड़ा है और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पूरा समर्थन देगा।
भारत को मिला वैश्विक समर्थन
अमेरिका: आतंक के खिलाफ भारत के साथ
नेपाल: हमले की निंदा और मृतकों के लिए शोक
फ्रांस: वैश्विक सुरक्षा के लिए चिंता व्यक्त