दिल्ली विधानसभा चुनाव की राजनीति में अब नया मोड़ आ गया है। जहां आम आदमी पार्टी (AAP), भारतीय जनता पार्टी (BJP), और कांग्रेस अपने-अपने जीत के दावे कर रही हैं, वहीं असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम (AIMIM) की एंट्री ने इंडिया गठबंधन को संकट में डाल दिया है। ओवैसी की पार्टी ने दिल्ली के ओखला विधानसभा क्षेत्र से जामिया एलुमनाई एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष शफाउर रहमान खान को उम्मीदवार बनाया है। उनका मुकाबला मौजूदा विधायक अमानतुल्ला खान से होगा।
इसके अलावा, दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को AIMIM ने मुस्तफाबाद विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया है। ताहिर हुसैन एक विवादित नाम हैं, जिनका नाम दिल्ली दंगों में शामिल होने के चलते सुर्खियों में रहा था। इसके अलावा, शाहरुख पठान, जो दिल्ली दंगों में आरोपी हैं, AIMIM से सीलमपुर सीट से उम्मीदवार बनने का विचार कर रहे हैं। इस फैसले से दिल्ली विधानसभा चुनाव की राजनीति में और भी गर्मी बढ़ गई है।
एआईएमआईएम ने यह घोषणा की है कि वह दिल्ली विधानसभा चुनाव में 10 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। इन सीटों में मुस्तफाबाद, सीलमपुर, बाबरपुर, मटिया महल, बल्लिमारान, चांदनी चौक, ओखला, सीमापुरी, सदर बाजार और जंगपुरा शामिल हैं। इस घोषणा के बाद दिल्ली में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है, क्योंकि ओवैसी की पार्टी का चुनावी मैदान में उतरना दिल्ली की राजनीति को नया रंग देने वाला है। एआईएमआईएम के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष शोएब जामई ने कहा कि जल्द ही इन सीटों पर उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी जाएगी।
दिल्ली में इस बार चुनावी ध्रुवीकरण की आशंका जताई जा रही है। खासकर, ओवैसी के उम्मीदवारों से कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के वोटरों में बिखराव हो सकता है। पिछले कुछ सालों में दिल्ली के अधिकांश मतदाता आम आदमी पार्टी का साथ देते आए हैं, लेकिन अब एआईएमआईएम के उम्मीदवारों के मैदान में होने से पार्टी को नुकसान हो सकता है। एआईएमआईएम की ओर से उम्मीदवार उतारे जाने वाली सीटों में कुछ हाई प्रोफाइल सीटें भी हैं, जैसे कि जंगपुरा, जहां से आम आदमी पार्टी के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया चुनावी मैदान में हैं। बाबरपुर सीट पर दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय भी चुनाव लड़ रहे हैं।
ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस की तुलना में एआईएमआईएम आम आदमी पार्टी के लिए ज्यादा चुनौती पेश कर सकती है। ओवैसी की पार्टी के उम्मीदवार दिल्ली की राजनीति में एक नया मोर्चा खोल सकते हैं, जिससे पार्टी की लोकप्रियता में और भी इजाफा हो सकता है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है। यहां 8 फरवरी को मतदान होगा और उसी दिन परिणाम भी घोषित किए जाएंगे। दिल्ली की 70 सीटों में से 12 सीटें आरक्षित हैं, जिनमें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए सीटें निर्धारित की गई हैं।