
भारी पुलिस बल की तैनाती के बीच माहौल धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है, और शुक्रवार का दिन इस संदर्भ में बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। रविवार को हुई हिंसा के बाद यह पहला जुमे का दिन है। इसके साथ ही संभल की अदालत में शाही जामा मस्जिद से जुड़े मामले की सुनवाई भी होनी है, जिससे प्रशासन पूरी सतर्कता बरत रहा है।
रविवार को जामा मस्जिद में दूसरे सर्वे के दौरान भड़की हिंसा में पांच लोगों की मौत हुई थी, हालांकि पुलिस ने अभी तक चार मौतों की ही पुष्टि की है। प्रशासन ने जुमे की नमाज़ और अदालत में सुनवाई के दौरान शांति बनाए रखने के लिए विशेष इंतजाम किए हैं।
मुरादाबाद के कमिश्नर की प्रतिक्रिया
मुरादाबाद के कमिश्नर आंजनेय कुमार ने कहा कि जामा मस्जिद और अदालत परिसर में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। अन्य जिलों से आई पुलिस भी फिलहाल शहर में मौजूद है।
बीबीसी से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि प्रशासन का प्राथमिक लक्ष्य लोगों का विश्वास बहाल करना है। उन्होंने कहा, “हमने मुसलमान समुदाय के साथ बातचीत की है, और मस्जिद समिति ने शांति बनाए रखने का आश्वासन दिया है।”
उनके अनुसार, मुस्लिम समुदाय ने भी शांति बहाल करने में सहयोग देने की बात कही है और जुमे के दिन विशेष सतर्कता बरतने का वादा किया है। जामा मस्जिद में नमाज़ के लिए आने वालों की निगरानी की जाएगी और सुरक्षा के मद्देनज़र तलाशी भी ली जाएगी।
मस्जिद समिति का बयान
मस्जिद प्रबंधन समिति के अध्यक्ष एडवोकेट जफ़र अली ने बताया कि जामा मस्जिद में नमाज़ पहले की तरह हो रही है और शुक्रवार को भी सामान्य रूप से नमाज़ अदा की जाएगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि मस्जिद में नमाज़ का सिलसिला हमेशा जारी रहेगा।
संभल और उसके आसपास के इलाकों में मुस्लिम आबादी अधिक होने के कारण प्रशासन विशेष सतर्कता बरत रहा है।
अन्य जिलों में तैयारियां
अमरोहा के पुलिस अधीक्षक कुंवर अनुपम सिंह ने कहा कि उनके जिले में स्थिति शांतिपूर्ण है, लेकिन पुलिस पूरी तरह सतर्क है। उन्होंने बताया कि मुस्लिम समुदाय ने प्रशासन को भरोसा दिलाया है कि वे शांति बनाए रखेंगे।
मंगलवार को संभल के कुछ बाजार खुलने लगे थे, लेकिन जामा मस्जिद के आसपास के मुस्लिम इलाकों में अभी भी कई घरों पर ताले लगे हुए हैं। इन इलाकों में पुरुषों की उपस्थिति कम दिखाई दे रही है, जबकि हिंदू मोहल्लों में माहौल सामान्य हो गया है और दुकानों ने कामकाज शुरू कर दिया है।
कमिश्नर आंजनेय कुमार ने कहा कि प्रशासन का मुख्य उद्देश्य लोगों के बीच विश्वास बहाल करना है। हिंसा में शामिल नाबालिगों की काउंसलिंग भी कराई जाएगी।
संभल हिंसा मामले में कार्रवाई
रविवार की घटना के संबंध में पुलिस ने सांसद ज़ियाउर्रहमान बर्क़, उनके पिता ममलूकुर्रहमान बर्क़, समाजवादी पार्टी विधायक नवाब इक़बाल और उनके बेटे समेत 240 लोगों को नामजद किया है। इसके अलावा, 2400 से अधिक अज्ञात लोगों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है।
इस कार्रवाई के चलते मुस्लिम समुदाय, खासकर युवाओं में डर का माहौल है। गिरफ्तारी के डर से कई युवा घर से बाहर निकलने से बच रहे हैं।