नासा की टीम बचाव के लिए पहुंची

अंतरिक्ष से लौटेंगी सुनीता विलियम्स, नासा की टीम बचाव के लिए पहुंची

भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी विल्मोर को लेने के लिए नासा की विशेष टीम अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पहुंच गई है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश पर दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को लगभग 9 महीने बाद वापस लाने की योजना बनाई गई है।


स्पेसएक्स का यान पहुंचा अंतरिक्ष स्टेशन, विलियम्स और विल्मोर की वापसी तय

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा द्वारा भेजा गया स्पेसएक्स का यान रविवार को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर पहुंच गया। इस अभियान का उद्देश्य, विलियम्स और विल्मोर की जगह नए अंतरिक्ष यात्रियों की तैनाती करना और उन्हें सुरक्षित पृथ्वी पर वापस लाना है।

  • नए दल में अमेरिका, जापान और रूस के चार अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं।
  • वे कुछ दिन ISS में रहकर विलियम्स और विल्मोर से आवश्यक जानकारी लेंगे।
  • मौसम अनुकूल रहा तो दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को अगले सप्ताह फ्लोरिडा के तट के पास समुद्र में उतारा जाएगा।

9 महीने अंतरिक्ष में फंसे रहे सुनीता विलियम्स और विल्मोर

5 जून को केप कैनवेरल से रवाना हुए विलियम्स और विल्मोर मात्र एक सप्ताह के मिशन पर गए थे, लेकिन तकनीकी खराबी के कारण 9 महीने तक वापस नहीं आ सके।

  • बोइंग स्टारलाइनर कैप्सूल में हीलियम रिसाव और वेग में कमी के चलते यह समस्या उत्पन्न हुई।
  • इससे पहले नासा ने कई बार उन्हें वापस लाने की योजना बनाई, लेकिन तकनीकी चुनौतियों और सुरक्षा कारणों से अभियान को टालना पड़ा।
  • अब, नासा की पूरी कोशिश है कि इस बार मिशन सफलतापूर्वक पूरा हो और दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित पृथ्वी पर लाया जाए।

नया दल ISS पर करेगा छह महीने का प्रवास

ISS पर विलियम्स और विल्मोर के स्थान पर जो नया दल भेजा गया है, वह अगले छह महीने वहां रहेगा।

इस दल में शामिल हैं:

  • ऐनी मैक्लेन और निकोल एयर्स – नासा के अनुभवी सैन्य पायलट।
  • ताकुया ओनिशी – जापान से, विमानन उद्योग में पूर्व अनुभव रखते हैं।
  • किरिल पेस्कोव – रूस से, विमानन क्षेत्र में विशेष दक्षता।

यह दल ISS पर आवश्यक वैज्ञानिक प्रयोग और रखरखाव संबंधी कार्य करेगा।


क्या अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी सफल होगी?

अब सभी की निगाहें इस मिशन पर टिकी हैं। अगर सब कुछ योजना के अनुसार हुआ तो विलियम्स और विल्मोर अगले सप्ताह पृथ्वी पर लौट आएंगे। लेकिन, मौसम और तकनीकी परिस्थितियां अभी भी इस अभियान के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई हैं।

क्या यह बचाव मिशन सफल होगा? क्या विलियम्स और विल्मोर सुरक्षित धरती पर लौटेंगे? यह तो अगले कुछ दिनों में पता चलेगा!

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