
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को स्वास्थ्य खराब होने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी प्रोस्टेट सर्जरी की गई। डॉक्टरों ने बताया कि ऑपरेशन सफल रहा और उनकी प्रोस्टेट ग्रंथि को हटा दिया गया। अस्पताल में नेतन्याहू की गैरमौजूदगी के दौरान उनके करीबी सहयोगी और उप प्रधानमंत्री यारीव लेविन कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में कार्य करेंगे।
इजराइल सरकार के अनुसार, बुधवार को नेतन्याहू को मूत्र मार्ग में संक्रमण होने का पता चला था, जिसके बाद उनका इलाज शुरू किया गया।
75 वर्षीय नेतन्याहू दुनिया के सबसे वरिष्ठ नेताओं में शामिल हैं। अन्य वरिष्ठ नेताओं में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (82), डोनाल्ड ट्रंप (78), ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा (79), और पोप फ्रांसिस (88) शामिल हैं।
नेतन्याहू को हाल के वर्षों में कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ा है। उनके करीबी सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री के व्यस्त युद्धकालीन कार्यक्रम के कारण वे अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पा रहे थे।
सर्जरी से पहले उनके वकील एमित हदाद ने अदालत को जानकारी दी थी कि नेतन्याहू अस्पताल में रहेंगे और गवाही देने में असमर्थ होंगे। अदालत ने उनकी अनुपस्थिति को मंजूरी दे दी थी।
पहले भी हो चुकी हैं सर्जरी
मार्च 2023 में नेतन्याहू ने हर्निया की सर्जरी करवाई थी। उस दौरान भी यारीव लेविन ने प्रधानमंत्री का कार्यभार संभाला था। जुलाई 2023 में डिहाइड्रेशन के बाद नेतन्याहू को एरिथमिया से पीड़ित पाया गया और उन्हें पेसमेकर लगवाना पड़ा था।
हालांकि, प्रधानमंत्री के स्वास्थ्य को लेकर कई अटकलें लगाई जा रही हैं, लेकिन जनवरी में जारी एक मेडिकल रिपोर्ट में बताया गया था कि उनका स्वास्थ्य सामान्य है और पेसमेकर ठीक से काम कर रहा है।
स्वास्थ्य रिपोर्ट का अभाव
प्रधानमंत्री के स्वास्थ्य की वार्षिक रिपोर्ट जारी करने के प्रोटोकॉल के बावजूद, 2016 से 2023 के बीच नेतन्याहू ने कोई रिपोर्ट जारी नहीं की। चूंकि यह प्रोटोकॉल कानून में बाध्यकारी नहीं है, इसलिए वे ऐसा करने के लिए मजबूर नहीं थे।
संघर्ष के बीच बिगड़ा स्वास्थ्य
प्रधानमंत्री की यह स्वास्थ्य समस्या ऐसे समय में सामने आई है जब इजराइल ईरान समर्थित हूती समूह के मिसाइल हमलों का जवाब दे रहा है। गाजा, लेबनान और यमन के कई हिस्सों में इजरायल संघर्षरत है।
ज्ञात हो कि 7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले के बाद इजराइल कई मोर्चों पर लड़ाई में उलझा हुआ है, जिसमें गाजा और लेबनान में हिजबुल्लाह के साथ संघर्ष शामिल है।