
इजरायली सेना ने सीरिया में एक गुप्त और खतरनाक अंडरकवर ऑपरेशन को अंजाम दिया है, जिसमें उसे एक विशाल मिसाइल निर्माण संयंत्र का भंडार मिला, जहां सैकड़ों मिसाइलें तैयार की जा रही थीं। यह ऑपरेशन इजरायली सेना द्वारा एक सटीक हमले के रूप में किया गया और सिर्फ 3 घंटे में पूरे मिसाइल संयंत्र को नष्ट कर दिया गया। इस ऑपरेशन में इजरायली सेना के 120 विशेष कमांडो शामिल थे। इजरायली रक्षा बल (आईडीएफ) के अनुसार, इस मिसाइल प्लांट में प्रति वर्ष 100 से 300 मिसाइलों का उत्पादन हो सकता था। यह सभी सुविधाएं भूमिगत बनाई गई थीं, और यह केंद्र खासतौर पर हमास, हिजबुल्लाह और सीरिया के लिए मिसाइल आपूर्ति का एक गुप्त ठिकाना था।
इजरायल ने इस मिशन का नाम “ऑपरेशन मैनी वेज़” रखा, जो 8 सितंबर 2024 को गुप्त तरीके से शुरू हुआ था। यह ऑपरेशन ईरान द्वारा वित्तपोषित एक भूमिगत मिसाइल निर्माण प्लांट पर आधारित था, और इसे इजरायली बलों ने पूरी तरह से नष्ट कर दिया। इस ऑपरेशन के बाद इजरायली सेना ने इस मिशन का एक वीडियो भी जारी किया।
मिसाइल प्लांट का ठिकाना
ईरान ने यह मिसाइल निर्माण संयंत्र सीरिया के पश्चिमी मसयाफ क्षेत्र में स्थापित किया था, जो सीरियाई वायुसेना का एक प्रमुख गढ़ भी है। यह गुप्त स्थल “डीप लेयर” के नाम से जाना जाता है, और इसे ईरान के मिसाइल उत्पादन कार्यक्रम के एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में विकसित किया गया था। इजरायली अधिकारियों के अनुसार, इसका उद्देश्य लेबनान में हिजबुल्लाह और सीरिया में असद शासन को सटीक मिसाइलों की आपूर्ति करना था। इस ऑपरेशन को इजरायली बलों ने बिना किसी नुकसान के सफलतापूर्वक अंजाम दिया।
भूमिगत मिसाइल निर्माण की प्रक्रिया
आईएएफ के अनुसार, ईरान की डीप लेयर सुविधा का निर्माण 2017 के अंत में शुरू हुआ था, जब इजरायल ने दक्षिणी सीरिया के जमराया में रॉकेट इंजन निर्माण स्थल पर हमला किया था। इसके बाद, ईरान ने अपनी मिसाइल उत्पादन सुविधाओं को सुरक्षित रखने के लिए उन्हें भूमिगत स्थानों पर स्थानांतरित करना शुरू किया। 2021 तक, यह भूमिगत मिसाइल निर्माण संयंत्र पहाड़ों में 70 से 130 मीटर नीचे कार्यशील हो गया था, जिसमें मिसाइल उत्पादन की पूर्ण क्षमता विकसित की जा चुकी थी।
गुप्त मिसाइल संयंत्र की संरचना
यह मिसाइल निर्माण संयंत्र घोड़े की नाल के आकार का था और इसमें तीन प्रमुख प्रवेश द्वार थे। पहला प्रवेश द्वार कच्चे माल के लिए था, दूसरा मिसाइलों के लिए था, और तीसरा रसद और कार्यालय तक पहुंचने के लिए था। इसमें कुल 16 उत्पादन कक्ष थे, जिनमें रॉकेट ईंधन मिश्रण, मिसाइल बॉडी निर्माण और पेंटिंग रूम शामिल थे। आईडीएफ ने अनुमान लगाया कि यह सुविधा हर साल 100 से 300 मिसाइलों का उत्पादन कर सकती थी, जिनका रेंज 300 किलोमीटर तक था।
छापे का कारण और योजना
इस ऑपरेशन का निर्णय कई वर्षों तक की गई निगरानी और खुफिया जानकारी के आधार पर लिया गया था। इजरायली सेना ने इस स्थान की पहचान और वहां हो रही गतिविधियों को लेकर गहरी जानकारी प्राप्त की थी। अक्टूबर 2023 में शुरू हुए मल्टीफ्रंट युद्ध के दौरान, जिसमें गाजा में हमास, लेबनान में हिजबुल्लाह और अन्य ईरान समर्थित मिलिशिया शामिल थे, इस ऑपरेशन को और भी तेज किया गया।
यह ऑपरेशन इजरायली सेना के लिए एक बड़ी सफलता के रूप में सामने आया, जिसमें एक बेहद गुप्त और खतरनाक मिसाइल निर्माण प्लांट को पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया।