
अमेरिका का यमन में बड़ा हमला, 24 हूती विद्रोहियों की मौत, कई घायल
यमन में हूती विद्रोहियों के खिलाफ अमेरिका ने बड़ा सैन्य अभियान चलाया, जिसमें कम से कम 24 लोग मारे गए और 9 घायल हुए। हूती समूह का दावा है कि हमले में कई बच्चे भी मारे गए हैं।
अमेरिकी युद्धक विमानों ने राजधानी सना और उत्तरी प्रांत सादा में हूती ठिकानों पर जबरदस्त हवाई हमले किए। अल-मसीरा टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।
ट्रंप का सख्त रुख: हूतियों पर कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस सैन्य हमले की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि अमेरिकी सेना को हूती आतंकवादियों के खिलाफ निर्णायक और शक्तिशाली हमले करने का आदेश दिया गया था। ट्रंप ने अपने बयान में कहा,
“हूतियों ने अमेरिकी और अन्य देशों के जहाजों, विमानों और ड्रोन के खिलाफ समुद्री डकैती, हिंसा और आतंकवाद का अभियान छेड़ा हुआ है। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
यह हमला ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद पहला बड़ा सैन्य अभियान है, जिसमें हूती समूह को आतंकी संगठन घोषित किए जाने के बाद अमेरिकी सेना ने पहली बार खुली कार्रवाई की है।
अमेरिका के हमलों के बाद हूतियों का जवाबी हमला तय
अमेरिकी हवाई हमलों के तुरंत बाद हूती विद्रोहियों ने जवाबी हमले की धमकी दी है। उनका कहना है कि जब तक गाजा पट्टी की क्रॉसिंग नहीं खोली जाती और मानवीय सहायता को इजाजत नहीं मिलती, तब तक हम लड़ाई जारी रखेंगे।
हूती विद्रोहियों ने कहा:
“हम अमेरिका के खिलाफ जवाब देने के लिए तैयार हैं। हमें अपनी जमीन पर हमला किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं है।”
कौन हैं हूती विद्रोही?
हूती विद्रोही यमन के अल्पसंख्यक शिया समुदाय से जुड़े हैं। इस समूह का नेतृत्व अब्दुल मलिक अल-हूती कर रहा है, जिसे अबू जिबरिल भी कहा जाता है।
- हूती विद्रोह की शुरुआत 2004 में हुसैन बद्रेददीन अल-हूती ने की थी, जिसे यमन की सेना ने उसी साल मार गिराया।
- यमन की कुल आबादी का करीब 60% हिस्सा सुन्नी मुसलमानों का है, जबकि 35% आबादी शिया मुसलमानों की है।
- 2014 से हूती विद्रोही यमन के बड़े हिस्से पर नियंत्रण बनाए हुए हैं।
यमन के हालात और हूतियों का दबदबा
- हूती विद्रोही 2014 से यमन के बड़े हिस्से पर नियंत्रण कर चुके हैं, जिससे सरकार को राजधानी सना से हटना पड़ा।
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त यमनी सरकार फिलहाल अदन को अस्थायी राजधानी मानकर दक्षिणी और पूर्वी क्षेत्रों पर नियंत्रण रख रही है।
- 2022 में राष्ट्रपति नेतृत्व परिषद बनी, लेकिन हूतियों का दबदबा अब भी कायम है।
क्या यह संघर्ष और बढ़ेगा?
अमेरिका के इस हमले के बाद स्थिति और तनावपूर्ण हो गई है। अब देखना होगा कि हूती विद्रोही अमेरिका को किस हद तक जवाब देते हैं। क्या यह संघर्ष और गहराएगा या कोई कूटनीतिक हल निकलेगा?