
ढाका/नई दिल्ली: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और अवामी लीग की मुखिया शेख हसीना ने एक भावुक लेकिन मजबूत संदेश देते हुए कहा कि “अल्लाह ने मुझे किसी मकसद से बचाया है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अवामी लीग के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर अत्याचार करने वालों को इंसाफ के कटघरे में लाया जाएगा।
शेख हसीना ने यूनुस पर साधा करारा निशाना
शेख हसीना ने सोशल मीडिया के ज़रिए अपनी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के परिवारजनों से बातचीत करते हुए नॉबेल विजेता मोहम्मद यूनुस को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि यूनुस “ऐसा व्यक्ति है जिसने कभी जनता से सच्चा प्रेम नहीं किया।”
“वो व्यक्ति जो गरीबों के नाम पर कर्ज देता रहा और खुद आलीशान ज़िंदगी जीता रहा, अब सत्ता की लालसा में देश को बर्बाद कर रहा है।”
बांग्लादेश बन रहा है ‘आतंकी देश’: हसीना
77 वर्षीय हसीना ने बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि:
“जो देश कभी विकास का मॉडल था, आज आतंक का पर्याय बन चुका है। अवामी लीग के कार्यकर्ताओं, वकीलों, पुलिस अधिकारियों, पत्रकारों और कलाकारों को निशाना बनाया जा रहा है।”
“एक ही दिन में पूरा परिवार खो दिया”
शेख हसीना ने 1975 में हुए उस भयावह नरसंहार को याद किया, जिसमें उनके पिता और बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान सहित उनका पूरा परिवार मारा गया था।
“मैंने एक ही दिन में अपने मां-बाप, भाइयों को खोया। मुझे अपने अपनों को खोने का दर्द मालूम है। अल्लाह ने मुझे शायद इसलिए बचाया ताकि मैं इंसाफ दिला सकूं।”
“न्याय होगा, मैं जिंदा हूं क्योंकि वह दिन जरूर आएगा”
जब अवामी लीग के शहीद कार्यकर्ताओं के परिवारों ने अपने दर्द को साझा किया, तो हसीना ने आश्वासन दिया:
“ये लोग इंसान नहीं हैं। अल्लाह इन्हें माफ नहीं करेगा। इंसाफ ज़रूर होगा, और वह दिन आएगा – नहीं तो मैं जिंदा ही क्यों होती।”
“मैं आ रही हूं”: हसीना का समर्थकों को वादा
एक समर्थक ने जब शेख हसीना से उनका हाल पूछा, तो उन्होंने मुस्कराकर कहा:
“मैं जिंदा हूं, बेटा… और मैं आ रही हूं।”
यूनुस सरकार कर रही प्रत्यर्पण की कोशिश
बताया जा रहा है कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार शेख हसीना को भारत से प्रत्यर्पित करने के प्रयास कर रही है। बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान, मोहम्मद यूनुस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस संबंध में बात की और दावा किया कि हसीना की “भड़काऊ टिप्पणियां” बांग्लादेश की शांति को भंग कर रही हैं।