Navrashtra Bharat

मॉरिशस में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए बोले पीएम मोदी – ‘यहां की हवा, मिट्टी और पानी में अपनापन’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मॉरिशस की राजधानी पोर्ट लुईस में भारतीय समुदाय को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने भोजपुरी भाषा में अपना भाषण शुरू किया, जिससे वहां मौजूद लोगों के चेहरे पर खुशी दिखी।

10 साल बाद फिर पहुंचे मॉरिशस

पीएम मोदी ने बताया कि वह ठीक 10 साल पहले इसी दिन मॉरिशस आए थे। उन्होंने कहा, “उस समय होली का एक सप्ताह बीत चुका था और मैं भारत से ‘फगवा’ (होली) की खुशी लेकर आया था। लेकिन इस बार, मैं होली के रंग अपने साथ भारत लेकर जाऊंगा।”

मॉरिशस की मिट्टी में भारतीयों का खून-पसीना

प्रधानमंत्री मोदी ने मॉरिशस में बसे भारतीयों की मेहनत को याद किया और कहा कि—
“मॉरिशस की मिट्टी में भारतीय पूर्वजों का खून-पसीना शामिल है। जब मैं यहां आता हूं, तो ऐसा लगता है जैसे अपनों के बीच हूं। यहां की हवा, मिट्टी और पानी में अपनापन महसूस होता है।”

मॉरिशस – एक मिनी हिंदुस्तान

पीएम मोदी ने कहा कि मॉरिशस को एक मिनी हिंदुस्तान कहा जा सकता है, क्योंकि यहां की भाषा, खान-पान और संस्कृति भारत से बहुत मेल खाती है। उन्होंने खास तौर पर बिहार और मॉरिशस के गहरे रिश्ते की बात की और कहा कि—
“बिहार और मॉरिशस का भावनात्मक जुड़ाव बहुत पुराना है। हम मिलकर बिहार के गौरव को फिर से ऊंचा करेंगे।”

पीएम मोदी को मिला मॉरिशस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान

मॉरिशस सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित करने का निर्णय लिया। इस पर खुशी जताते हुए पीएम मोदी ने कहा—
“मैं मॉरिशस सरकार के इस निर्णय को विनम्रता से स्वीकार करता हूं। यह सम्मान सिर्फ मेरे लिए नहीं, बल्कि भारत और मॉरिशस के ऐतिहासिक रिश्तों के लिए है।”

भारत और मॉरिशस – एक परिवार की तरह

पीएम मोदी ने कहा कि भारत और मॉरिशस का रिश्ता बहुत गहरा और मजबूत है। भारत हमेशा मॉरिशस के साथ खड़ा रहेगा, चाहे कोई भी परिस्थिति हो। उन्होंने बताया कि—
“जब पूरी दुनिया कोविड महामारी से जूझ रही थी, तब भारत ने मॉरिशस को वैक्सीन भेजकर मदद की। हम आगे भी हर स्थिति में मॉरिशस के साथ रहेंगे।”

Please follow and like us:
RSS
Follow by Email
X (Twitter)
Visit Us
Follow Me
YouTube
LinkedIn
Share
Instagram

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

en English