
पाकिस्तान में हाई-प्रोफाइल हत्याएं: अबू कताल के बाद मुफ्ती अब्दुल बाकी की हत्या
पाकिस्तान के क्वेटा शहर में इस्लामिक स्कॉलर और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम के नेता मुफ्ती अब्दुल बाकी नूरजई की गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना रविवार, 16 मार्च की रात हुई, जब एयरपोर्ट रोड पर कुछ अज्ञात हमलावरों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं। इस हमले के बाद उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बच सकी।
पत्रकार आरजू काजमी का दावा
पाकिस्तान की मशहूर पत्रकार आरजू काजमी ने इस घटना की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर दी। उन्होंने लिखा कि एयरपोर्ट के पास हथियारबंद लोगों ने मुफ्ती अब्दुल बाकी पर हमला किया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
पुलिस की चुप्पी
अब तक इस हत्या पर पाकिस्तान की पुलिस की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, एक स्थानीय टीवी चैनल ने बताया कि हमला रविवार देर रात हुआ। अज्ञात हमलावरों ने फायरिंग के बाद मौके से भागने में सफलता पाई।
अबू कताल की हत्या
मुफ्ती अब्दुल बाकी की हत्या से पहले, भारत के मोस्ट वांटेड आतंकियों में शामिल और हाफिज सईद का खास सहयोगी अबू कताल भी मारा गया था। उसे पंजाब प्रांत के झेलम जिले में अज्ञात हमलावरों ने गोलियों से भून दिया था।
लश्कर-ए-तैयबा का ऑपरेशनल कमांडर
अबू कताल लश्कर-ए-तैयबा का एक महत्वपूर्ण सदस्य था। हाफिज सईद ने उसे संगठन का ऑपरेशनल कमांडर बनाया था। उसकी जिम्मेदारी आतंकियों की भर्ती करने और उन्हें भारत में घुसपैठ कराने की थी।
भारत में आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड
अबू कताल भारत में राजौरी और रियासी बस अटैक का मास्टरमाइंड था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने उसके खिलाफ राजौरी हमले में चार्जशीट दाखिल की थी। इस हमले में 7 लोगों की मौत हुई थी और 13 लोग घायल हुए थे। वहीं, रियासी में तीर्थयात्रियों से भरी बस पर हुए हमले में 9 लोगों की मौत और 30 से अधिक लोग घायल हुए थे।
क्या इन हत्याओं के पीछे कोई बड़ा कारण?
अबू कताल और मुफ्ती अब्दुल बाकी, दोनों ही हाई-प्रोफाइल व्यक्ति थे। इनकी हत्याएं ऐसे समय में हुई हैं जब पाकिस्तान में कई आतंकी संगठनों के बीच टकराव बढ़ रहा है। सुरक्षा एजेंसियां इन हत्याओं के पीछे के कारणों की जांच कर रही हैं।