सऊदी अरब में मादक पदार्थों की तस्करी के आरोप में छह ईरानी नागरिकों को मौत की सजा दिए जाने के बाद सऊदी अरब और ईरान के बीच तनाव बढ़ गया है। सऊदी सरकार द्वारा यह सजा दिए जाने के बाद ईरान ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। सऊदी अरब के गृह मंत्रालय ने जानकारी दी है कि इन ईरानी नागरिकों को हशीश की तस्करी करते हुए गिरफ्तार किया गया था, और देश की सर्वोच्च अदालत ने उनकी अपील खारिज कर दी थी। इसके बाद सजा पर अमल किया गया।
सऊदी अरब का पक्ष
गृह मंत्रालय ने बयान में कहा कि यह सजा इस्लामी कानून के तहत दी गई है और इसका मुख्य उद्देश्य नागरिकों और निवासियों को मादक पदार्थों के दुष्प्रभाव से बचाना है। हालांकि, सऊदी अरब ने यह स्पष्ट नहीं किया कि इन सजाों को कब और कहां अंजाम दिया गया। मंत्रालय का कहना है कि मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने और देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया गया है।
ईरान की प्रतिक्रिया
वहीं, ईरान ने इस फैसले पर गंभीर आपत्ति जताई है। ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी ‘इरना’ ने बताया कि तेहरान ने इस मामले को लेकर सऊदी राजदूत को तलब किया है। ईरानी विदेश मंत्रालय के अधिकारी मोजतबा शास्ती करीमी ने सऊदी अरब की इस कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा कि यह न्यायिक सहयोग की स्थापित प्रक्रियाओं का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि ईरान को सूचित किए बिना इस तरह की कार्रवाई किसी भी परिस्थिति में स्वीकार्य नहीं हो सकती।
ईरान-सऊदी अरब संबंधों पर असर
गौरतलब है कि ईरान और सऊदी अरब के बीच संबंध पहले से ही तनावपूर्ण रहे हैं। हालांकि, सात साल के राजनयिक मतभेदों के बाद 2023 की शुरुआत में दोनों देशों ने आपसी संबंधों को सुधारने और राजनयिक संबंध बहाल करने का निर्णय लिया था। लेकिन इस ताजा घटना से उनके संबंधों में फिर से तनाव पैदा हो गया है। ईरान ने इस मामले पर चर्चा के लिए एक प्रतिनिधिमंडल सऊदी अरब भेजने की योजना बनाई है।
ईरान के अनुसार, सऊदी अरब द्वारा बिना सूचना दिए मौत की सजा पर अमल करना उनकी संप्रभुता और न्यायिक प्रक्रिया का अपमान है। इस घटनाक्रम ने दोनों देशों के बीच हाल ही में बनी दोस्ती को फिर से मुश्किल में डाल दिया है।