
कॉमेडियन कुणाल कामरा ने Blinkit के सीईओ अलबिंदर ढींडसा पर कटाक्ष करते हुए उनकी साझा की गई नए साल की पूर्व संध्या पर ऑर्डर की सांख्यिकी पर सवाल उठाए। इन आंकड़ों में 1 लाख से अधिक कंडोम के पैक और अन्य वस्तुओं का उल्लेख था। कामरा ने प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया, “क्या आप हमें यह भी बता सकते हैं कि 2024 में आपने अपने ‘डिलीवरी पार्टनर्स’ को औसतन कितनी मजदूरी दी?” उनके इस बयान ने गिग वर्कर्स (स्वतंत्र श्रमिकों) की मजदूरी और उनके साथ हो रहे शोषण पर चर्चा को जन्म दिया।
Blinkit के सीईओ द्वारा साझा किए गए आंकड़े
31 दिसंबर, 2024 को अलबिंदर ढींडसा ने एक पोस्ट में लिखा, “1,22,356 कंडोम के पैक, 45,531 मिनरल वाटर की बोतलें, 22,322 पार्टीस्मार्ट और 2,434 ईनो अभी रास्ते में हैं! आफ्टर पार्टी की तैयारी जोरों पर है।”
गिग वर्कर्स के शोषण पर कुणाल कामरा का बयान
कामरा ने इस पर जवाब देते हुए गिग वर्कर्स के शोषण का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि प्लेटफॉर्म के मालिक बिना किसी रचनात्मकता या नवाचार के, केवल कामगारों की मेहनत से मुनाफा कमा रहे हैं।
उन्होंने ट्वीट में कहा, “हम तेज़ डिलीवरी की सुविधा का आनंद लेते हैं, लेकिन 2025 का मेरा पहला ट्वीट इस सुविधा के अंधेरे पहलू पर है। प्लेटफॉर्म मालिक गिग वर्कर्स का शोषण करते हैं। वे रोजगार के सृजनकर्ता नहीं, बल्कि ऐसे जमींदार हैं, जिनके पास ज़मीन नहीं है। उनके पास नवाचार की कोई योग्यता नहीं है। वे लोगों को ऐसी आज़ादी का सपना दिखाते हैं, जिसे वे वहन नहीं कर सकते और ऐसी मजदूरी देते हैं, जो उनकी आकांक्षाओं को पूरा नहीं कर सकती। ये ठग डेटा को तेल की तरह इस्तेमाल करते हैं, बिना तेल क्षेत्र का भुगतान किए। एक दिन ऐसा कानून आएगा जो इन्हें विनम्र बनाएगा।”
Blinkit का पक्ष
Blinkit की वेबसाइट के अनुसार, उनके डिलीवरी पार्टनर्स हर महीने ₹50,000 तक कमा सकते हैं। कंपनी साप्ताहिक भुगतान, लचीले कार्य घंटे और ₹4,000 तक का जॉइनिंग बोनस देती है। इसके अतिरिक्त, डिलीवरी पार्टनर्स को ₹10 लाख तक का बीमा कवरेज भी मिलता है।
कंपनी का कहना है कि डिलीवरी पार्टनर्स अपनी सुविधा के अनुसार 4, 8, या 10 घंटे की शिफ्ट चुन सकते हैं और “खुद के मालिक” बन सकते हैं। साप्ताहिक आधार पर भुगतान किया जाता है और श्रमिक अपनी पसंद के कार्य समय का चयन कर सकते हैं।
सीईओ की प्रतिक्रिया का इंतजार
अलबिंदर ढींडसा ने कामरा के इन बयानों पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, कामरा के इस बयान ने गिग वर्कर्स के अधिकारों और उनके साथ हो रहे व्यवहार पर एक गंभीर बहस छेड़ दी है।