
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में 5 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सियासी पारा चढ़ चुका है। जहां भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपनी सभाओं में आम आदमी पार्टी (AAP) पर तीखे हमले किए, वहीं कांग्रेस की रैली में राहुल गांधी ने भी अरविंद केजरीवाल और आप पार्टी को घेरा।
इसी बीच एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया जब पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के दिल्ली स्थित आवास कपूरथला हाउस पर चुनाव आयोग (EC) की टीम पहुंची। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यहां कैश डिस्ट्रीब्यूशन (रुपये बांटने) की शिकायत के बाद चुनाव आयोग की टीम मौके पर जांच के लिए पहुंची, जिससे राजनीतिक हलचल और तेज़ हो गई।
कैश बांटने की शिकायत पर पहुंची चुनाव आयोग की टीम
चुनाव आयोग के अधिकारी ने बताया कि सी-विजिल ऐप पर कैश डिस्ट्रीब्यूशन की शिकायत दर्ज की गई थी। इस शिकायत के आधार पर चुनाव आयोग की टीम और दिल्ली पुलिस के अधिकारी कपूरथला हाउस के बाहर मौजूद रहे। टीम ने परिसर की तलाशी की मांग की, लेकिन घर के कमरों के दरवाजों पर ताले लगे होने के कारण सर्च ऑपरेशन पूरा नहीं हो सका।
चुनाव आयोग के अधिकारी ओपी पांडे ने कहा,
“हमें बताया गया कि हम यहां (कपूरथला हाउस) के आसपास की जांच कर सकते हैं। लेकिन जब तलाशी लेने की कोशिश की गई, तो कमरों के दरवाजे बंद और ताले लगे हुए थे, जिससे जांच पूरी नहीं हो पाई।”
भगवंत मान का बीजेपी पर बड़ा आरोप
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस रेड को लेकर भाजपा पर निशाना साधते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:
“आज दिल्ली पुलिस के साथ चुनाव आयोग की टीम मेरे घर कपूरथला हाउस में छापा मारने पहुंची। भाजपा खुलेआम दिल्ली में पैसे बांट रही है, लेकिन चुनाव आयोग और दिल्ली पुलिस को कुछ नहीं दिख रहा। यह सब बीजेपी के इशारे पर पंजाबियों को बदनाम करने की साजिश है, जो निंदनीय है।”
आप नेता आतिशी का BJP पर वार
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने भी इस मामले पर भाजपा पर हमला बोलते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट किया:
“भाजपा वाले खुलेआम पैसे, जूते और चादरें बांट रहे हैं, लेकिन चुनाव आयोग को सिर्फ चुने हुए मुख्यमंत्री के घर रेड करनी थी! वाह री भाजपा! दिल्ली की जनता 5 फरवरी को इसका जवाब देगी।”
दिल्ली चुनाव के मद्देनजर बढ़ी राजनीति
इस पूरे घटनाक्रम के बाद दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर सियासी पारा और गर्म हो गया है। भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच जुबानी जंग तेज़ हो गई है। अब देखना यह होगा कि 5 फरवरी को दिल्ली की जनता किसे अपना समर्थन देती है।