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बहुजन समाज पार्टी (BSP) की मुखिया और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में पूरी ताकत और तैयारी के साथ भाग लेने का ऐलान किया है। मंगलवार को चुनाव आयोग द्वारा तारीखों की घोषणा का स्वागत करते हुए मायावती ने उम्मीद जताई कि आयोग निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराने में सक्षम होगा। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव को सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग और सांप्रदायिक प्रचार से बचाया जाना चाहिए।

चुनाव आयोग ने दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा के लिए 5 फरवरी को मतदान और 8 फरवरी को मतगणना की घोषणा की है। दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल 23 फरवरी को समाप्त हो रहा है। इनमें 58 सामान्य सीटें और 12 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। BSP के इस बार पूरे दमखम से मैदान में उतरने की घोषणा के बाद राजनीतिक हलकों में चर्चा शुरू हो गई है कि इससे चुनावी समीकरण किस हद तक प्रभावित होंगे।

पिछले चुनावों में BSP का प्रदर्शन कैसा रहा?

दिल्ली विधानसभा चुनावों में BSP का प्रदर्शन हाल के वर्षों में कमजोर ही रहा है। 2020 के चुनाव में पार्टी ने सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन उसे केवल 0.71% वोट मिले। 2015 के चुनावों में भी पार्टी ने 70 सीटों पर लड़ाई की, लेकिन वोट प्रतिशत 1.3% तक ही पहुंच सका। 2013 में BSP ने 69 सीटों पर चुनाव लड़ते हुए 5.35% वोट हासिल किए थे।

2008 के चुनाव में BSP ने अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था, जब उसने 14.05% वोट के साथ 2 सीटें जीतीं। 2003 में 40 सीटों पर चुनाव लड़ते हुए पार्टी ने 5.76% वोट पाए थे। लेकिन 2008 के बाद से पार्टी के प्रदर्शन में लगातार गिरावट आई है। ऐसे में BSP ने पिछले 5 वर्षों में जमीनी स्तर पर कितना काम किया है, यह आगामी चुनाव में देखने को मिलेगा।

BSP का अच्छा प्रदर्शन किसके लिए नुकसानदायक?

अगर BSP इस बार बेहतर प्रदर्शन करती है, तो इसका सीधा असर आम आदमी पार्टी (AAP) पर पड़ सकता है, क्योंकि BSP का वोट बैंक मुख्य रूप से दलित वर्ग है। AAP ने इस वर्ग में बड़ी पकड़ बनाई हुई है, जबकि बीजेपी और कांग्रेस भी इस वोट बैंक से कुछ हिस्सेदारी लेती रही हैं। BSP का उभार उन सीटों पर नतीजे प्रभावित कर सकता है जहां मुकाबला कड़ा है।

हालांकि, BSP को अपनी पिछली स्थिति मजबूत करने के लिए बहुत मेहनत करनी होगी। लेकिन अगर पार्टी ने थोड़ा भी सुधार किया, तो यह उसके कार्यकर्ताओं और समर्थकों के लिए उत्साहवर्धक होगा।

2020 के विधानसभा चुनावों में पार्टियों का प्रदर्शन

2020 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने शानदार जीत दर्ज की थी। AAP ने 53.57% वोट के साथ 62 सीटों पर कब्जा किया, हालांकि उसकी सीटें 2015 के 67 से घटकर 62 हो गई थीं। बीजेपी ने 38.51% वोट के साथ अपनी सीटों की संख्या 3 से बढ़ाकर 8 कर ली।

कांग्रेस के लिए 2020 का चुनाव और भी खराब साबित हुआ। उसे केवल 4.26% वोट मिले, जो 2015 में मिले 9.7% वोट से काफी कम थे। BSP को 0.71% वोट मिले, जबकि अन्य पार्टियों ने कुल 1.19% वोट हासिल किए।

इस बार BSP के बेहतर प्रदर्शन का क्या असर होगा, यह तो चुनाव नतीजे ही बताएंगे, लेकिन यह साफ है कि पार्टी अगर मजबूत वापसी करती है, तो दिल्ली की राजनीतिक तस्वीर में बदलाव संभव है।

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