
औरंगजेब की कब्र विवाद पर बोले मनोज मुंतशिर – ‘वहां शौचालय बना देना चाहिए’
इन दिनों औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद तेज हो गया है। इस बीच प्रसिद्ध लेखक और गीतकार मनोज मुंतशिर ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सरकार को एक ऐसा सुझाव दिया है, जिस पर अब चारों ओर चर्चा हो रही है। उन्होंने कहा कि औरंगजेब की कब्र को हटाने की जरूरत नहीं है, बल्कि वहां एक शौचालय बना देना चाहिए।
हमेशा चर्चा में रहते हैं मनोज मुंतशिर
मनोज मुंतशिर अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। फिल्म ‘आदिपुरुष’ के संवादों को लेकर हुए विवाद के बाद अब उन्होंने औरंगजेब की कब्र पर टिप्पणी की है, जिससे एक नई बहस छिड़ गई है। उन्होंने इस मुद्दे पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें उन्होंने खुलकर अपने विचार व्यक्त किए।
क्या बोले मनोज मुंतशिर?
फिल्म ‘छावा’ की रिलीज़ के बाद औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद शुरू हुआ था। इसी संदर्भ में मनोज मुंतशिर ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया। इस वीडियो में उन्होंने कहा कि—
“औरंगजेब की कब्र हमारे लिए राष्ट्रीय शर्म का प्रतीक है। इसमें ऐसा क्या है जिस पर किसी भारतीय को गर्व महसूस हो? अगर यह गर्व करने लायक जगह है, तो हमें अपनी देशभक्ति पर दोबारा विचार करना चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा कि जब राम मंदिर के लिए कानूनी लड़ाई लड़ी जा रही थी, तब कुछ लोग तर्क दे रहे थे कि भगवान राम कण-कण में मौजूद हैं, इसलिए वहां मंदिर बनाने की जरूरत नहीं, बल्कि अस्पताल या स्कूल बनना चाहिए। इसी तर्क को आगे बढ़ाते हुए मनोज मुंतशिर ने कहा कि—
“औरंगजेब की कब्र को नष्ट करने की जरूरत नहीं है, बल्कि वहां एक शौचालय बना देना चाहिए। स्वच्छ भारत मिशन चल रहा है, और ऐसे में औरंगजेब की कब्र से बेहतर जगह क्या हो सकती है?”
हिंदू विरोधियों पर भी साधा निशाना
मनोज मुंतशिर ने आगे हिंदू विरोधियों पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा—
“कुछ लोग कहते हैं कि हिंदुस्तान किसी के बाप का नहीं है, लेकिन मैं उन्हें यह बताना चाहता हूं कि हिंदुस्तान हमारे बाप-दादाओं का था और हमेशा रहेगा।“
उनका यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। कई यूजर्स उनके समर्थन में नजर आए, जबकि कुछ ने नाराजगी जताई।
पहले भी विवादित बयानों के कारण सुर्खियों में रहे हैं
यह पहली बार नहीं है जब मनोज मुंतशिर किसी सामाजिक या राजनीतिक मुद्दे पर बोले हों। हाल ही में उन्होंने यूट्यूबर रणवीर अल्लाहबादिया की एक विवादित टिप्पणी पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने इस बयान की कड़ी निंदा करते हुए कहा था कि “यह कॉमेडी का सबसे घटिया स्तर है।”
उन्होंने इसे एक वायरस की तरह खतरनाक बताते हुए कोरोना से तुलना भी की थी।