
शिवसेना (UBT) को बड़ा झटका! ‘ऑपरेशन टाइगर’ के तहत 6 सांसद शिंदे गुट में शामिल होने को तैयार
मुंबई, 7 फरवरी: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद शिवसेना (UBT) में जबरदस्त उथल-पुथल मची हुई है। पार्टी के कई नेता अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर असमंजस में हैं। इस बीच, एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है—उद्धव ठाकरे गुट के 6 सांसद पार्टी छोड़ सकते हैं और शिंदे गुट में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं।
क्या है ‘ऑपरेशन टाइगर’?
सूत्रों के मुताबिक, शिवसेना (UBT) के 9 में से 6 सांसद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के संपर्क में हैं। इस मिशन को ‘ऑपरेशन टाइगर’ नाम दिया गया है, जिसका उद्देश्य ठाकरे गुट के सांसदों को शिंदे गुट में शामिल करना है। अगले संसद सत्र से पहले इस अभियान को पूरा करने की योजना बनाई गई है।
दल-बदल विरोधी कानून से बचने की रणनीति
दल-बदल विरोधी कानून के तहत दलबदल के लिए कम से कम दो-तिहाई सांसदों की जरूरत होती है। इसी कारण शिंदे गुट 6 सांसदों को अपने साथ लाने की कोशिश कर रहा था।
अगर 6 सांसद अलग होते हैं, तो कानूनी कार्रवाई से बच सकते हैं।
बीते कुछ हफ्तों से इस रणनीति पर लगातार काम किया जा रहा था और अब सूत्रों के मुताबिक शिंदे गुट अपनी कोशिश में सफल हो चुका है।
शिंदे गुट में जाने को क्यों तैयार हुए सांसद?
मजबूत गठबंधन सरकार में बने रहने की चाह – सांसद अगले 5 साल तक सत्ता का हिस्सा बने रहना चाहते हैं।
वित्तीय संकट – उद्धव गुट के सांसदों को फंड जुटाने में परेशानी हो रही थी, जबकि शिंदे गुट के पास केंद्र और राज्य दोनों का समर्थन है।
चुनावी नतीजों का असर – शिंदे गुट को विधानसभा चुनाव में जनता का समर्थन मिला, जिससे यह साफ हो गया कि लोगों ने असली शिवसेना के रूप में शिंदे गुट को स्वीकार कर लिया है।
विकास कार्यों में तेजी – बीजेपी का समर्थन मिलने से सांसदों को अपने क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए फंड मिलने में कोई दिक्कत नहीं होगी।
शिंदे गुट में जल्द होगी एंट्री!
सूत्रों के मुताबिक, पर्दे के पीछे कई दौर की बैठकों के बाद 6 सांसद शिंदे गुट में शामिल होने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
बीजेपी भी इस ऑपरेशन में शिंदे का समर्थन कर रही है।
कुछ विधायक भी शिंदे गुट के संपर्क में हैं, हालांकि उनके शामिल होने पर अभी कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है।
क्या उद्धव ठाकरे गुट को लगेगा बड़ा झटका?
अगर ये 6 सांसद शिंदे गुट में शामिल होते हैं, तो उद्धव ठाकरे गुट की स्थिति और कमजोर हो जाएगी।
महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा फेरबदल देखने को मिल सकता है।
क्या उद्धव ठाकरे इस संकट से उबर पाएंगे? इसका जवाब आने वाले दिनों में मिलेगा।